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महिला अपराध के खिलाफ कड़ा कानून बने : दिव्या खोसला कुमार

नई दिल्ली:  दिव्या खोसला कुमार बॉलीवुड में आज एक सफल निर्देशक, अभिनेत्री के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने फिल्म ‘अब तुम्हारे हवाले साथियो’ से बॉलीवुड में आगाज किया था। उनका मानना है कि महिला अपराध के खिलाफ देश में कड़े कानून बनने चाहिए, तभी इस पर लगाम लग सकता है।

दिव्या ने आईएएएस से कहा, “मेरा मानना है कि देश में कड़े कानून बनाने चाहिए। घर पर बच्चों को लड़कियों का सम्मान करना सिखाना चाहिए, यह संस्कार एक मां ही दे सकती है, सरकार जब तक दुष्कर्म जैसे अपराध के खिलाफ कड़े कानून नहीं बनाएगी, जो लोगों के मन में डर पैदा करे, तब तक लोगों के जेहन में यह बात बनी रहेगी कि हम तो यह सब करके छूट जाते हैं, कुछ साबित नहीं होता..यही मुख्य कारण है, जिसके चलते यह सब हो रहा है।

उन्होंने कहा, “अगर आप बाकी देशों, यूरोप को देखें तो वहां महिलाओं के खिलाफ अपराध न के बराबर है, क्योंकि महिलाओं को लेकर उन्होंने कड़े कानून बना रखे हैं। मुझे लगता है कि इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने शुरू से तय कर रखा था कि उन्हें अभिनय में जाना है तो उन्होंने कहा, “ऐसा कुछ नहीं था। मैं पहले दिल्ली में तीन साल मॉडलिंग की लेकिन उस समय कॉमर्शियल वर्क दिल्ली में नहीं होता था, सिर्फ प्रिंट मॉडलिंग होती थी। मुझे कॉमर्शियल करना था क्योंकि मेरा चेहरा कॉमर्शियल था तो फिर मैं मुंबई चली गई और मुझे कॉमर्शियल ऑफर मिलने लगे। मैंने सलमान खान के साथ एक म्यूजिक वीडियो किया, फिर मुझे फिल्मों में काम करने के प्रस्ताव मिलने लगे। फिर मैंने अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘अब तुम्हारे हवाले साथियो’ में काम किया और फिर निर्देशन में कदम रखा, मेरी किस्मत मुझे निर्देशन में ले आई।”

उन्होंने कहा, “मैंने एडिटिंग, सिनेमेटोग्राफी सीखी। मैंने कई म्यूजिक वीडियो निर्देशित किए और पहली फिल्म ‘यारियां’ निर्देशित की और इस तरह से मेरा सफर रहा। अभी मैंने हाल ही में खुद एक म्यूजिक वीडियो ‘कभी यादों में’ को निर्देशित किया। एक लघु फिल्म ‘बुलबुल’ की जिसमें मैंने छह-सात किरदार निभाए है।”

दिव्या एक अभिनेत्री व निर्देशक होने के साथ ही एक पत्नी और मां भी हैं। उनसे जब पूछा गया कि इतनी सारी जिम्मेदारी वह कैसे संभाल लेती हैं तो उन्होंने कहा, “अगर आप में हिम्मत और सहनशीलता है तो सबकुछ हो जाता है। मैं एक समय पर एक ही प्रोजेक्ट करती हूं, जैसे कि जब मैं निर्देशन कर रही होती हूं तो अभिनय नहीं करती हूं, अभिनय कर रही होती हूं तो वही करती हूं। मेरा मानना है कि मैं योजना बनाकर काम करने में माहिर हूं और परिवार और करियर दोनों को ही समय देती हूं क्योंकि भारतीय महिला चाहे कितनी ही आगे क्यों न बढ़ जाएं उनके लिए उनकी परिवार पहली प्राथमिकता होती है।”

नामी-गिरामी टी-सीरीज घराने की बहू के लिए मायानगरी का सफर आसान नहीं रहा, उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा उन्होंने कहा, “मैंने बहुत संघर्ष किया है, इसे वही समझ सकता है, जिसने इसे जिया है। मेरा पहला साल तो बहुत मुश्किलभरा था। मैंने सात पीजी बदले। मेरी उम्र ज्यादा नहीं थी, फिर धीरे-धीरे काम मिलने के साथ करियर में आगे बढ़ी। ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ में काम किया जिससे स्थिति थोड़ी बेहतर हुई। चूंकि मैंने दिल्ली में भी तीन साल मॉडलिंग की थी, तो मेरी आर्थिक स्थिति मजबूत थी।”

दिव्या अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देना नहीं भूलतीं। उन्होंेने कहा, “जब आपके माता-पिता आपको पूरा सहयोग देते हैं, तभी आप कुछ कर पाते हैं। मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया है और शादी के बाद मेरे पति (भूषण कुमार) ने भी हर कदम पर बहुत साथ दिया है। तो परिवार का सहयोग बेहद जरूरी है।”

दिव्या गुरुवार को दिल्ली में आयोजित डेलीआइट्स अवार्ड में शामिल हुईं, उन्हें बॉलीवुड में योगदान के लिए पुरस्कार से भी नवाजा गया।

अवार्ड दिव्या के लिए काफी मायने रखते हैं उन्होंने कहा कि एक रचनात्मक शख्स के लिए सराहना काफी अहमियत रखती है। ऐसे में जब आपके काम की तारीफ करता है तो आपको बहुत खुशी मिलती है मैं बहुत खुश हूं कि मुझे डेलीआइट्स अवार्ड मिला।

फिटनेस मंत्रा के बारे में पूछे जाने पर दिव्या ने बताया, “मैं बस घर पर कुछ हल्के-फुल्के व्यायाम करती हूं, जैसे डंबल। मैं उचित समय पर खाना खाती हूं। खाना समय पर नहीं खाने से चेहरे और बालों पर असर दिखेगा। आप मुरझाए और थके लगोगे, तो चेहरा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपका चेहरा हमेशा खिला हुआ नजर आना चाहिए।”

दिव्या की ननद तुलसी कुमार गायिका है, लेकिन दिव्या का कहना है कि उन्हें गाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह निर्देशन व अभिनय में ही खुश हैं। आने वाली परियोजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ प्रस्ताव मिले हैं वह फिलहाल पटकथा पढ़ रही हैं और जल्द ही फैसला लेंगी।

–आईएएनएस

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