नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा है कि वह सेना में योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के फैसले का पूरा अनुपालन सुनिश्चित करे, और साथ ही वह कमांड पोस्ट्स में भी उनके लिए प्रावधान करे। न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने का वक्त दिया है। केन्द्र ने अपने आवेदन में दावा किया था कि शीर्ष अदालत के 17 फरवरी के फैसले का पर्याप्त अनुपालन सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रह्मण्यम से कहा कि आदेश का पूरी तरह से अनुपालन किया जाना चाहिए, और अदालत के फैसले के बाद ‘पर्याप्त अनुपालन’ नाम की कोई चीज नहीं होती है।
महिला अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी और मीनाक्षी अरोड़ा ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि सरकार फैसले को लटकाने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले केंद्र ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा था कि कोर्ट उसे छह महीने की अतिरिक्त मोहलत दे, ताकि वह कमांड पोस्ट में उनके लिए प्रावधान भी बना सके।
एक आवेदन में, रक्षा मंत्रालय ने कहा, “आवेदकों ने अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, कोरोना महामारी और आगामी लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है।”
दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 महिला अधिकारियों द्वारा इस मामले पर मुकदमा किए जाने के 14 साल बाद यह फैसला आया था।
–आईएएनएस
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