मुंबई: रेलवे में भर्ती से संबंधित मुद्दों को लेकर युवाओं के विरोध प्रदर्शन के कारण मंगलवार को सेंट्रल रेलवे (सीआर) की उपनगरीय रेल सेवा तीन घंटे से ज्यादा समय तक ठप रहने के बाद बहाल हो गई है। रेलवे प्रशिक्षुओं की भर्ती को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई और उसके जवाब में प्रदर्शनकारी युवाओं की पत्थरबाजी का परिणाम रेल सेवा के बाधित होने के रूप में सामने आया।
माटुंगा और दादर के बीच रेल की पटरी पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी बैठ गए, जिसके चलते सुबह के समय उपनगरीय और लंबी दूरी की रेल सेवा बाधित हुई।
सीआर के उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप और रेल मंत्रालय द्वारा लिखित में आश्वासन दिए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन सुबह 10.45 बजे के आसपास खत्म हुआ।
सेवा बहाल होने के बाद पश्चिमी रेलवे की ट्रेनों में क्षमता से अधिक भीड़ दिखी।
कैब चालकों और एप आधारित टैक्सी चालकों के सोमवार को की गई हड़ताल के बाद मंगलवार को इस प्रदर्शन के चलते करीब 45 लाख यात्रियों को लगातार दूसरे दिन परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्कालाठी चार्ज किया, जिसके जवाब में उत्तेजित युवाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।
इस प्रदर्शन में पांच प्रदर्शनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
ऑल इंडिया एक्ट अपरेटिंस एसोससिएशन (एएएएए) के कार्यकताओं ने यह विरोध प्रदर्शन किया। इस संगठन ने सभी राज्यों में ऑल इंडिया रेलवे एक्ट अपरेंटिस परीक्षा पास करने वाले स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए सीधी भर्ती के लिए 20 प्रतिशत कोटा रद्द करने की मांग की।
उन लोगों ने दावा किया उन्होंने अपनी मांगें रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष उठाई थीं, लेकिन इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। मांगे पूरी न होने पर इन युवाओं ने विरोध प्रदर्शन में और तेजी लाने की धमकी दी है।
मुंबई के शिवसेना सांसद राहुल शिवाले मे इस मामले का समाधान करने के लिए सीआर के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की और बाद में कहा कि रेलवे उन 12,400 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नौकरी देगा, जिन्होंने रेलवे प्रशिक्षुता परीक्षा को पास कर लिया है।
सीआर के एक प्रवक्ता ने कहा कि अपरेंटिस एक्ट के तहत प्रशिक्षुओं को नौकरी देने का कोई प्रवाधान नहीं है, जिन्हें कौशल और अनुभव हासिल करने के लिए एक निश्चित अवधि तक प्रशिक्षित किया जाता है।
इस बीच, बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) ने यात्रियों की सुविधा के लिए दादर, माटुंगा, कुर्ला, सियोन और अन्य स्टेशनों पर अतिरिक्त बसें चलाईं।
विपक्षी दलों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्राथमिकता के आधार पर महाराष्ट्र विधनासभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है।
इस बीच, रेल यात्री परिषद के प्रमुख सुभाष गुप्ता ने रेलवे की पूर्ण खुफिया विफलता और रेलवे अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर रेलवे की आलोचना की।
–आईएएनएस
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