नई दिल्ली: सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया – एसडीपीआई ने 6 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के नोएडा में हाईवे पर एक मुस्लिम टैक्सी ड्राइवर की कथित तौर पर जय श्री राम ना बोलने पर पीट-पीटकर हत्या करने की कड़ी भर्त्सना की है।
एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद शफी ने अपने वक्तव्य में बताया कि मृतक ड्राइवर के पुत्र ने मृत्यु से कुछ मिनट पहले अपने पिता की आखरी फोन कॉल को रिकॉर्ड कर लिया जिसमें यह सुना जा सकता है कि हत्यारे टैक्सी ड्राइवर आफताब आलम से जय
श्री राम बोलने को कह रहे थे।
एसडीपीआई के महासचिव ने आरएसएस के इस दावे को हास्यास्पद बताया कि लिंचिंग भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं है क्योंकि वर्तमान सरकार के सत्ता में आते ही देश में लिंचिंग की सिलसिलेवार घटनाएं देखी गई।
शफी ने कहा की लिंचिंग की हालिया घटनाओं को 1992 की अयोध्या रथ यात्रा के साथ शुरू हुए हिंदुत्व के व्यापक राजनीतिक एजेंडे के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए। 2002 का गुजरात नरसंहार पूरी तरह हिंदुत्व की पटकथा पर आधारित था। लिंचिंग मुसलमानों को
आतंकित करने और आम जनता में भय पैदा करने का एक जरिया है। इस आतंक का मुकाबला करने के लिए विपक्ष इस कदर कमजोर है कि जनता की उम्मीदें टूट रही है और आम जनता इस हत्यारी भीड़ से बचने के लिए अपने तरीके ढूंढने पर विवश है।
पार्टी महासचिव ने उत्तर प्रदेश पुलिस से मांग करते हुए कहा कि हत्यारों और उनके आकाओं की तुरंत पकड़ा जाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
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