नवनीत मिश्र
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लॉकडाउन में ठेले और रेहड़ी-पटरी वालों के प्रभावित हुए रोजगार को बल देने के लिए शुरू कराई गई योजना को भारी सफलता मिली है। पिछले पांच महीने के भीतर 27 लाख से ज्यादा छोटे दुकानदारों ने शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से शुरू हुई पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन मांगा है। इस योजना के तहत छोटे दुकानदारों को बगैर गारंटी का लोन मिलता है।
शहरी कार्य मंत्रालय से आईएएनएस को मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक योजना के शुरू होने से अब तक कुल 27,33,462 स्ट्रीट वेंडर्स ने लोन के लिए आवेदन किया है। जिसमें से 14,34,390 का लोन मंजूर हुआ और अब तक 7,88,384 लोगों को लोन की धनराशि जारी भी हो गई।
मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक, पीएम स्वनिधि योजना शुरू होने के अब तक पांच महीनों में लोन के लिए 27 लाख से अधिक आवेदनों के आने से इस योजना के प्रति जागरूकता का पता चलता है। पीएम स्वनिधि यानी पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के संचालन से जुड़े एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “रेहड़ी-पटरी वालों के लिए संचालित इस योजना को काफी अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। राज्य सरकारों और बैंकों के सहयोग से योजना के लाभार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।”
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों के प्रभावित हुए रोजगार को फिर से सुचारू करने में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर जून में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पीएम स्वनिधि योजना को मंजूरी मिली थी। पीएम स्वनिधि पोर्टल पर 2 जुलाई 2020 से ऑनलाइन आवेदन जमा करने की शुरूआत हुई। जिसके बाद लगातार आवेदन आने लगे। इस योजना के तहत बगैर किसी गारंटी के स्ट्रीट वेंडर्स को अधिकतम 10 हजार रुपये तक का कर्ज मिलता है। सड़कों के किनारे फल-सब्जी बेचने वाले, चाय-पान की दुकान चलाने से लेकर सैलून, ठेले, रेहड़ी-पटरी वालों को इस योजना के तहत लोन मिलता है। इस योजना के तहत देश में 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने की तैयारी है।
–आईएएनएस
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