नई दिल्ली: संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में गुरुवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के पूर्व केंद्रीय मंत्री वाई.एस.चौधरी और कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी बहस के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सदन में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान 2014 में हुए आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर तेदेपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई।
चौधरी ने तेदेपा के अन्य सदस्य अशोक गजपति राजू सहित आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के विरोध में कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
तेदेपा भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की साझेदार पार्टी है लेकिन तेदेपा ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर भाजपा पर वादे से मुकर जाने का आरोप लगाया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि वह आंध्र प्रदेश को विभिन्न स्वरूपों में वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद सदन के नियम 241 के अनुसार चौधरी सदन को यह बताने के लिए खड़े हुए कि उन्होंने सरकार से इस्तीफा क्यों दिया।
राज्यसभा के नियम 241 के तहत किसी भी सांसद को अपना संबोधन पढ़कर सुनाना होता है, जो उसे पहले ही सभापति के समक्ष दाखिल करना होता है।
चौधरी ने अपने लिखित संबोधन से इतर यूपीए सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश का बंटवारा करने को अन्यायपूर्ण, जल्दबाजी में उठाया गया और अनैतिक फैसला बताया।
चौधरी के बयानों से कांग्रेस के सदस्य भड़क गए और कुछ कांग्रेसी सांसदों ने चौधरी के बयानों पर आपत्ति जताते हुए सभापति के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे।
हंगामे के बीच सभापति एम.वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व सांसद हमीदा हबीबुल्ला को श्रद्धांजलि दी गई। उनका दो दिन पहले निधन हो गया था। वह 101 वर्ष की थीं।
–आईएएनएस
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