लखनऊ, 6 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर निशाना साधा। योगी के भाषण के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। योगी ने कहा कि राज्य को बांटने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी और अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करेगा तो सरकार उसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के विवादित बयान को लेकर विधान परिषद की कार्यवाही हंगामे की वजह से कई बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामा बंद न होने की वजह से सभापति ने सदन की कार्यवाही को 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
इस बीच विधानसभा में अपने भाषण के दौरान योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर हमलावर दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने 11 महीने के काम में ही दिखा दिया है कि विकास कैसे हो सकता है। हमने राज्य में विकास के लायक माहौल बनाया है। इसके लिए सरकार निरंतर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “लखनऊ में 21-22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट इस बात का परिणाम है कि आज देश ही नहीं विदेश से भी निवेशक दिल खोलकर उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। यह सरकार की मेहनत का ही नतीजा है। जो कार्य पिछली सरकारें15 वषरें में नहीं कर पाई वो हमने 11 महीने में ही करके दिखा दिया है।”
समाजवादी पार्टी का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “वे अपनी तोड़ने की नीति अपने पार्टी तक ही सीमित रखें तो बेहतर होगा। जो भी भारत को तोड़ने का काम करेगा, हम उसे तोड़ देंगे। प्रदेश और देश को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा तो दंडकारी नीति से निपटा जाएगा।”
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद भाजपा विधायकों ने भारत माता जय के नारे लगाए, जबकि विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार डराकर विपक्ष का मुंह बंद कराना चाहती है लेकिन हम इनसे डरने वाले नही हैं। चौधरी ने कहा कि कभी अंग्रेजों की दलाली करने वाले लोग आज समाजवादियों की निष्ठा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
दोनों पक्ष के सदस्यों के बीच हो रही नोंकझोंक के बीच विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बीच में हस्तक्षेप कर सदस्यों को शांत कराया और कहा कि सदन की परंपरा यही है कि जब नेता सदन बोल रहा हो तो किसी को बीच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इसके बाद सदस्य शांत हो गए।
हंगामे के बाद भी मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर लगातार हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि बरसाना होली मनाने गया था। वहां सवाल पूछा गया कि ईद कहां मनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैने तब भी कहा था और आज भी गर्व के साथ कहता हूं कि मैं हिंदू हूं। मैं ईद नहीं मनाता। लेकिन, यदि कोई अपना त्योहार मनाएगा तो सरकार उसमें सहयोग करेगी और साथ ही सुरक्षा भी देगी।”
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा, “हमें हिंदू होने पर गर्व है। लेकिन हम वैसे हिंदू नहीं हैं जो घर में जनेऊ धारण करें और बाहर निकलकर टोपी पहन लें। ऐसा वो लोग करते हैं, जिनके मन में पाप होता है।”
विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, न कि जबरदस्ती से। राज्यपाल पर कागज के गोले फेंकना शोभनीय नहीं है। जबरन लोकतंत्र चलाने की कोशिश नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, “सपा सरकार ने समाज को बांटने का काम किया है। पिछली सरकारों के दौरान प्रदेश में भय का माहौल था। सरकारों ने किसानों की उपेक्षा की। प्रदेश की गरीब जनता उपेक्षा का शिकार हुई।”
योगी ने कहा कि पिछली सरकार को परिवार, परिवार के विकास, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार, गुंडाराज और अराजकता फैलाने से फुर्सत नहीं थी। प्रदेश के अंदर भय का माहौल पैदा करने और लूट-खसोट करने से फुर्सत नहीं थी। ऐसे में प्रदेश के विकास की बात कैसे सोचते। लेकिन मेरी सरकार ने पिछले एक साल में बहुत कुछ बदला है।”
इधर, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा मुलायम सिंह यादव को रावण और मायावती को शूर्पणखा कहे जाने से गुस्साए सपा और बसपा नेताओं ने मंगलवार को विधान परिषद में हंगामा किया। इसके चलते सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और बसपा नेता नारेबाजी कर नंद गोपाल को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने नंदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की।
नंदी की बर्खास्तगी पर अड़े विपक्षी नेता आसन के समीप आकर हंगामा करने लगे तो सभापति ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा लेकिन जब वे नहीं माने तो कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में हंगामा बंद न होने की वजह से विधान परिषद की कार्यवाही 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।
–आईएएनएस
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