नई दिल्ली: विगत 14 वर्षों तक सामाजिक क्षेत्र में निरन्तर कार्य कर महिलाओं एवं बच्चों के मुद्दों की व्यापक समझ रखने के अनुभव के रहते आपको चाइल्ड वेलफेयर समिति ( बेंच ऑफ़ मजिस्ट्रेट ) का सदस्य मनोनीत किया गया आपने सेंट जॉन कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण कर ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी नागालैंड से एम० फिल० की डिग्री ली आप इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ सब्सटांस प्रोफेशनल्स के सदस्य एवं कोविड रिस्पांस अलायन्स ऑफ़ इंडिया की नेशनल ग्रुप मेंबर भी है मजिस्ट्रेट की बेंच के सदस्य के रूप पिछले तीन वर्षों में आपने देखभाल, सुरक्षा और उपचार, विकास के लिए मामलों का निपटान और देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों का पुनर्वास ,देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की भलाई और सर्वोत्तम हित कार्य किया
इसके तहत सभी कार्यवाही से विशेष रूप से निपटने के द्वारा सुरक्षा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और अधिनियम के तहत शक्तियों का प्रयोग बच्चों के न्याय के हित में किया,लाइसेंस के लिए पंजीकरण/नवीनीकरण के लिए सीसीआई की सिफारिश करना, इसके लिए कार्रवाई सहित महिला एवं बाल विभाग राज्य सरकार की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार एवं विकास का कार्य किया ,अनाथ, परित्यक्त और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चे को कानूनी रूप से मुक्त घोषित करना, जांच के बाद गोद लेने की प्रक्रिया में प्रशासनिक भागीदारी करना जैसे दायित्वों का निर्वाह करना , आप कार्यवाहक अध्यक्ष के उपरोक्त निर्वहन कर्तव्य के अलावा अध्यक्ष की अनुपस्थिति और सभी प्रशासनिक कार्य पूरी जिम्मेवारी के साथ देख रही है आपने वर्ष 2013 से 2015 तक मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल जस्टिस भारत सरकार में उप निदेशक के पद पर भी कार्य किया इसके अतिरिक्त विकलांगता के मुद्दों पर माता-पिता परामर्श सत्र किये , विकलांग व्यक्ति वर्ग के अधिकार – जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कई राज्यों में यात्रा की आपके द्वारा किये गए बाल अधिकार संरक्षण कार्य सचमुच सराहनीय है
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