✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

लोनार झील

लोनार झील ने एक बार फिर किया हैरान, पानी का रंग नीले से बदलकर हुआ लाल

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित लोनार झील के बारे में आप लोगों ने हमेशा सुना होगा । रहस्मयी तरीके से अपने आप बदलने वाली ये झील सबको हैरान कर देती है । इतना ही नहीं बड़े बड़े शोधकर्ता भी इस बात आज तक समझ नहीं पाए। दरअसल  झील का पानी पिछले 2-3 दिनों से नीले रंग से बदल कर लाल रंग का होता जा रहा है। जिला प्रशासन ने भी मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इससे पहले इस झील पर हुई शोध में सामने आया है कि समय-समय पर इसके पानी में बदलाव होते रहे हैं।

 उल्कापिंड के टकराने से बनी है यह झील
लोनार तहसील के तहसीलदार सैफन नदाफ ने बताया,”पिछले 2-3 दिन से हम नोटिस कर रहे हैं कि इस झील के पानी में बदलाव आ रहा है। हमने वन विभाग को इसका सैंपल लेकर जांच करने के लिए कहा है।” लोनार लेक खारे पानी की झील है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील उल्का पिंड की टक्कर से बनी है। इसका खारा पानी इस बात को दर्शाता है कि कभी यहां समुद्र था। शोध में यह भी दावा किया जाता है कि यह करीब दस लाख टन वजनी उल्का पिंड टकराने से ये झील बनी होगी।

वैज्ञानिकों का इसपर मत
लोनार झील के रहस्य को सुलझाने के लिए कई साल से इसपर शोध कर रहे वैज्ञानिक आनंद मिश्रा के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से जलवायु में परिवर्तन आया है। बारिश नहीं होने के कारण इसका पानी सूखकर कम हुआ है। हो सकता है कि इनमें से किसी कारण इसके रंग में बदलाव हो रहा है। लोनार पर काम करने वाले प्रोफेसर डॉ सुरेश मापरी ने इसको लेकर कुछ जल विशेषज्ञों के साथ चर्चा की है। उनके अनुसार, खारे पानी में हालोबैक्टीरिया और डुओनिला फंगस की बड़ी वृद्धि के कारण कैरोटीनॉइड नामक पिगमेंट का विस्तार होता है, जिसके कारण पानी लाल हो सकता है। ये सभी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि आखिर अभी क्यों इसका रंग लाल हो रहा है।

पहले इस झील में समुद्र के रंग का पानी था-फाइल फोटो।

कैसे हुआ झील का निर्माण
करीब 1.8 किलोमीटर डायमीटर की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। इस झील के पानी पर आज भी देश-विदेश के कई साइंटिस्ट रिसर्च कर रहे हैं। शोध के मुताबिक, पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी। हालांकि अब अन्य दो झीलें पूरी तरह सूख चुकी है पर लोनार में आज भी पानी मौजूद है।

2006 में खत्म हो गया था इसका पानी
इससे पहले वर्ष 2006 के आसपास लोनर झील में अजीब-सी हलचल हुई थी, झील का पानी अचानक भाप बनकर खत्म हो गया। गांव वालों ने पानी की जगह झील में नमक और अन्य खनिजों (मिनरल्स) के छोटे-बड़े चमकते हुए क्रिस्टल देखे थे।

 

About Author