प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां विश्व जैव ईंधन दिवस-2018 के मौके पर किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, छात्रो, सरकारी अधिकारियों और विधायकों की एक विविध जनसभा को संबोधित करेंगे।
सरकार द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में इस बात की जानकारी दी गई। मोदी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा विज्ञान भवन में शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के लिए मुख्य अतिथि होंगे।
बयान में कहा गया, “इस कार्यक्रम में गन्ना किसानों, वैज्ञानिकों, जैव ईंधन के उद्यमियों, कृषि, विज्ञान व इंजीनियरिंग के छात्रों, संसद के सदस्यों, राजदूतों, केंद्रीय व राज्य सरकार के अधिकारियों और जैव-ऊर्जा क्षेत्र में शामिल कंपनियों की भागीदारी देखने को मिलेगी।”
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में सभा को बताएंगे कि कैसे जैव ईंधन कच्चे तेल पर आयात निर्भरता को कम कर पर्यावरण में अपना योगदान कर सकता है। साथ ही मोदी जैव ईंधन के माध्यम से किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में मदद करने के तरीकों को भी बताएंगे।
बयान के मुताबिक, किसानों की आय बढ़ाने और स्वच्छ भारत सहित सरकार की विभिन्न पहलों की जैव ईंधन के साथ सहक्रियता है। बयान में कहा गया कि केंद्र के प्रयासों के परिणामस्वरूप पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 38 करोड़ लीटर की तुलना में वित्तीय वर्ष 2017-2018 में 141 करोड़ लीटर दर्ज किया गया।
बयान में कहा गया, “सरकार ने जून 2018 में जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को भी मंजूरी दे दी थी।”
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पिछले तीन वर्षो से 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस मना रहा है, ताकि परंपरागत जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।
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