नई दिल्ली, 24 नवंबर। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 25 नवंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। परंपरा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में हंस द्वार के समीप महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी देंगे। संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 26 नवंबर को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम संविधान सदन में होगा। गौरतलब है कि संसद के पुराने भवन को अब संविधान सदन कहा जाता है जहां सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस का कार्यक्रम होगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय ने बताया कि 26 नवंबर को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ आयोजित की जा रही है। संविधान दिवस का यह कार्यक्रम पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में होगा। इस सत्र में दोनों सदनों की 19- 9 बैठकें होनी हैं जबकि 26 नवंबर को राज्यसभा और लोकसभा की बैठकें नहीं होंगी। सरकार ने सत्र में विचार के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित 16 विधेयकों की सूची तैयार की है। लोकसभा में आठ और राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं। सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद से पारित कराने का प्रयास करेगी।
इसमें बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक शामिल हैं जिन्हें लोकसभा में पिछले सत्र में पेश किया गया था, लेकिन वे पारित नहीं हो पाए थे। राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक पेश किया जाएगा जिसे मानसून सत्र में लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है। कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ऐतराज कर सकते हैं। ऐसे में संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहना तय माना जा रहा है। संसद सत्र पर महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। दोनों राज्यों में नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को हो चुकी है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जबरदस्त जीत हासिल हुई है। सरकार अपने एजेंडे को मजबूती से आगे रखते हुए आवश्यक विधेयकों को पारित करने का प्रयास करेगी। वहीं, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिला है। दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद ही संसद का यह शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।
–आईएएनएस
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