✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

सभी बच्चियों को समाज में समान अधिकार मिले: प्रियंका चोपड़ा

 

एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। देशभर में बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनीसेफ की वैश्विक गुडविल एम्बेसडर और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है बाल-विवाह का मुद्दा बहुत ही अहम है और इसको खत्म करने के लिए सिर्फ कानून बनाने से ही नहीं बल्कि हम सबको मिलकर एक साथ हाथ बढ़ाना होगा, क्योंकि मैं इस मुद्दे पर निजी तौर पर कुछ कह नहीं सकती, हां लेकिन अपनी पहचान द्वारा इसके खिलाफ बोल सकती हूं, और समाज को जागरूक कर सकती हूं, जिससे लोग अपनी सोच में बदलाव ला सकें।

नई दिल्ली के यूनीसेफ कार्यालय में आयोजित एक परिचर्चा में प्रियंका ने कहा कि बेहद शर्म और चिंता की बात है जब छोटी कन्याओं की उम्र पढ़ने-लिखने और खेलने की होती है तब वे ब्याह दी जाती हैं। कई बार तो वे ऐसी छोटी उम्र में ही मां बन जाती हैं, जिसके लिए वे शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार भी नहीं होतीं, ऐसे में उनके सारे सपने टूट जाते हैं। मेरा सिर्फ एक ही सपना है कि सभी बच्चियों को समाज में समान अधिकार मिले, जिससे वे समाज में आगे बढ़कर अपने अधिकारों के साथ जी सकें।

बाल-विकास मंत्रालय की तरफ से भी प्रियंका ‘बेटी बचाओ’ और ‘बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम की ब्रांड एम्बेसडर हैं। यूनीसेफ में आयोजित परिचर्चा में मीडिया और बच्चों के बीच उन्होंने कहा कि वह आज सचिव से मिली हैं, और आगे के कार्यक्रम और योजनाओं पर चर्चा की है। क्योंकि यह कार्यक्रम अब 161 जिलों से 640 जिलों में विस्तारित होने जा रहा है। अब वह अपनी पहचान द्वारा इस कार्यक्रम के विस्तार का माध्यम बनेंगीं। परिचर्चा के दौरान यूनीसेफ की भारत में प्रमुख यासमीन अली हक ने कहा कि हम सबको और पूरे समाज को कन्याओं के लिए मदद के लिए आगे आना होगा।

तभी हम कन्याओं को उनके अधिकारों और उनके सम्मान के लिए तैयार कर पाएंगें। प्रियंका कहती हैं कि आज महिलाओं को किसी भी सूरत में डरने की जरूरत नहीं है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमें ही समाज में बदलाव करना होगा, क्योंकि कोई दूसरा हमें बदलने नहीं आएगा। ऐसा बदलाव हमें अपने देश और अपनों से ही लाना होगा। हमें किसी भी प्रेशर में नहीं आना है। मैंने पिछले 10 सालों में यूनीसेफ के साथ जुड़कर जो काम किया है या फिर फिल्म इंडस्ट्री में जो काम किया है, उससे मेरा अनुभव यही रहा है कि आप आवाम की आवाज को रोक नहीं सकते।

परिचर्चा में सभी के बीच बोलते हुए हरियाणा में बाल-विवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा सिमरन ने भी अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि कन्याओं और महिलाओं के प्रति समाज में अच्छा नजरिया नहीं है, क्योंकि हरियाणा में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को हमेशा नजर अंदाज करते हैं। जब उन्होंने ऐसे नजरिए और का विरोध किया तो उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सिमरने कहती है कि मैंने हार नहीं मानी और बहुत सारे बच्चों को एकत्र कर पूरे गांव में एक रैली निकाली और बाल-विवाह के खिलाफ आवाज उठाते हुए उसका रोका भी। यही नहीं अब मैं लगातार लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हूं।

About Author