नई दिल्ली, 24 अक्टूबर । भारत सरकार देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने की योजना के तहत काम कर रही है। केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने गुरुवार को कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐसा इकोसिस्टम बना रही है, जो व्यवसायों और स्टार्टअप के विकास के लिए अनुकूल हो। राष्ट्रीय राजधानी में ‘आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024’ के दौरान एक कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम एक महत्वपूर्ण बिंदु पर हैं जहां उभरती टेक्नोलॉजी एक नई दुनिया की नींव रख रही हैं”। उन्होंने आगे कहा, 2015 में “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया” पहल के शुभारंभ के बाद से, भारत 1.12 लाख से अधिक सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथ वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप के लिए तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है। उन्होंने कहा, “एकेडमिक रिसर्च और स्टार्टअप अलग-अलग इंडस्ट्रियल सेक्टर में समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं। भारत 6जी एलायंस, इंडस्ट्री लीडर, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और सरकार को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है, जो 6जी इनोवेशन को आगे बढ़ाने को तैयार है। यह मंच भारत और विश्व के लिए इनोवेट इन इंडिया विजन के तहत काम कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने युवाओं को सलाह दी कि वे छोटी शुरुआत करें, लेकिन बड़ा सोचें और तुरंत काम करें। डॉ. पेम्मासानी ने ‘इनोवेशन एक्सचेंज’ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा “शुरू करने के लिए आपको दुनिया के सभी संसाधनों की जरूरत नहीं है बस दृढ़ विश्वास की जरूरत है। कई लोग सही परिस्थितियों या पर्याप्त फंडिंग का इंतजार करते हैं, लेकिन शुरू करने का सबसे अच्छा समय अभी है। कार्रवाई गति पैदा करती है, और गति सफलता को बढ़ावा देती है,” दूरसंचार विभाग के डिजिटल संचार आयोग की प्रौद्योगिकी सदस्य मधु अरोड़ा ने आईटीयू से कहा कि वह 5जी इंटेलिजेंट विलेज और एआई-लेड डिजिटल ट्विन्स टेक्नोलॉजी को लेकर भारत का सहयोग करे। आईटीयू के दूरसंचार विकास ब्यूरो (बीडीटी) के निदेशक डॉ. कॉसमास लकीसन जवाजावा ने कहा कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि लोगों ने इनोवेशन का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वे जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना चाहते थे और अवसरों और विकल्पों के नए द्वार खोलना चाहते थे। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी एक साधन है। मैं विकास क्षेत्र में हर किसी से आग्रह करता हूं कि वे टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करें। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल फूड सप्लाई, मेडिकेशन और शेल्टर के साथ मानवता को बचाने में किया जाना चाहिए।”
–आईएएनएस
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