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New Delhi: Union Environment, Forest & Climate Change, Information & Broadcasting and Heavy Industries and Public Enterprise Minister Prakash Javadekar addresses at the valedictory session of Conference on 'Transformation of Aspirational Districts - CSR Initiatives by CPSEs', organised by the Department of Public Enterprises, in New Delhi on March 3, 2020. (Photo: IANS/PIB)

सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती, एमपीएलएडीएस फंड भी निलंबित

नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने सोमवार को कोरोना से लड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के वेतन में एक अप्रैल से 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया है। यह कटौती एक साल तक लागू रहेगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी। इसके लिए केंद्र सरकार सोमवार को ही एक अध्यादेश जारी करेगी।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के तहत इसके सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसके तहत एक अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसदी तक कम किया जाएगा।

इसके साथ ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वेच्छा से वेतन कटौती का फैसला किया है। इस कटौती से बचने वाली धनराशि भारत के संचित कोष में जाएगी।

यह फैसला कोरोनावायरस महामारी से लड़ाई के मद्देनजर लिया गया है, जिससे सैकड़ों देशों के साथ भारत भी जूझ रहा है।

इसके अलावा कैबिनेट ने भारत में कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले एमपीएलएडीएस फंड को दो साल के लिए अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी। अब दो साल के लिए इस फंड के 7900 करोड़ रुपये का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, कठिन समय में यह आवश्यक है कि हम नागरिकों की मदद करें।

–आईएएनएस

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