नई दिल्ली: एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले कबड्डी खिलाड़ी पवन सहरावत के सम्मान समारोह में सीएम श्री अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी पॉलिसी बना रहे हैं कि बाकी राज्य भी कहेंगे कि पालिसी हो तो दिल्ली जैसी। सीएम ने कहा कि ग्रामीण दिल्ली के रहने वाले कबड्डी खिलाड़ी पवन सहरावत ने अपनी कप्तानी में भारत को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल दिलाया है। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। दिल्ली सरकार पवन को एक करोड़ की सम्मान राशि देगी। हमारी सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को निखारने के लिए प्ले एंड प्रोग्रेस और मिशन एक्सीलेंस पॉलिसी के जरिए आर्थिक मदद देती है। पिछले सात साल में हमारी सरकार ने स्पोर्ट्स पर जितना काम किया है, शायद ही किसी सरकार ने किया होगा। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके कई खिलाड़ी मौजूद रहे।
साधारण से परिवार से निकले पवन सहरावत ने मेडल जीतने के लिए कड़ा संघर्ष किया- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के बवाना स्थिति राजीव गांधी स्टेडियम में आयोजित भारतीय कबड्डी के कप्तान पवन सहरावत के सम्मान समारोह में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बवाना में आकर मेरी पुरानी यादें भी ताजा हो गईं। अन्ना आंदोलन के दौरान राजीव गांधी स्टेडियम को जेल बनाया गया था और हमने यहां दो रातें काटी थी। यहीं पर बैठ कर हम क्रांतिकारी गीत गा रहे थे और रोटी खाई थी। उपर वाले की कृपा हुई और दिल्ली की जनता का प्यार मिला कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी हमें दे दी। पवन सहरावत को उनके शानदार काम के लिए बहुत बधाई। इन्होंने अपने गांव के साथ दिल्ली और देश का नाम रौशन किया। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाम मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। एक साधारण से परिवार से निकले हुए पवन ने कड़ा संघर्ष किया। इन्होंने इतने कम समय में तैयारी करके ये मेडल जीता है।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पवन सहरावत ने कबड्डी केवल कबड्डी के मैदान में ही नहीं खेली, बल्कि बाहर भी खेली। सबको पता है कि खेल के बाद किसी और देश के लिए मेडल की घोषणा हो गई थी। फिर पवन सहरावत ने एशियन गेम्स वालों से लड़ा था और भारत के लिए मेडल लेकर आए। उनका यह संघर्ष दिखाई देता है। बात केवल खेल की नहीं है। जिंदगी में कहीं भी अगर अन्याय होगा तो वहां भी पवन आगे मिलेंगे और न्याय दिलाएंगे। दिल्ली सरकार मेडल जीतने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों को सम्मान राशि देती है। पॉलिसी के अनुसार, दिल्ली सरकार पवन सहरावत को एक करोड़ रुपए देगी। एशियन गेम्स में दिल्ली के सात खिलाड़ियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में मेडल जीते हैं, उन सभी के सम्मान में जल्द ही एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों की स्पोर्ट्स पॉलिसी पर कहा कि हम जल्द ही ऐसी पॉलिसी बनाएंगे कि बाकी राज्य के खिलाड़ी भी कहेंगे, पॉलिसी हो तो दिल्ली जैसी।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएम ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी जीत जाता है और मेडल लाता है तो बहुत से लोग इनाम देते हैं, लेकिन असली समस्या मेडल जीतने से पहले होती है, जब एक खिलाड़ी संघर्ष कर रहा होता है। उस वक्त बहुत कम सरकारे हैं जो उन खिलाड़ियों की मदद करने के लिए आगे आती हैं। दिल्ली में हमने खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए तीन तरह की पॉलिसी बनाई है। पहला प्ले एंड प्रोग्रेस है। ये पॉलिसी छोटे बच्चों के लिए है। अगर हमें 13-14 साल से कम उम्र के बच्चों के अंदर क्षमता दिखाई देती है तो हम उन्हें साल में 2-3 लाख रुपए देते हैं। ये बच्चे इस पैसे को कोचिंग, पौष्टिक आहार पर खर्च कर सकते हैं। चीन समेत कई दूसरे देशों में क्षमतावान बच्चों को बचपन में ही ले लेते हैं और उनको खेल के लिए तैयार करते हैं। हम अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन थोड़ा पैसा देकर बच्चों की मदद कर सकते हैं। इसके लिए एक बोर्ड बनाया गया है, जो पारदर्शी तरीके से सारे निर्णय लेता है।
हम मशन एक्सीलेंस के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तैयारी के लिए खिलाड़ियों को 16 लाख देते हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हमारी दूसरी योजना मिशन एक्सीलेंस है। इसके तहत जो खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लेकर आता है, उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तैयारी करने के लिए साल में 16 लाख रुपए दिए जाते हैं। जिससे कि वो अपनी कोचिंग कर सके और अच्छे कोच रख सके। चुनाव के दौरान जब गांव-देहात में जाता था तो खेल सुविधाएं विकसित करने की सबसे ज्यादा मांग की जाती थी। हमारी सरकार ने बवाना स्टेडियम को शानदार बना दिया है। इस स्टेडियम के रेनोवेशन में 16 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। नजफगढ़, कैर, मुंडेला, प्रहलादपुर में भी नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो गया है और पुटकलां में सिंथेटिक ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। कटेवड़ा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्वीकृत हो गया है, जल्द ही बन जाएगा। इसी तरह मितरांव, झारौड़ा कलां और समस्तपुर समेत कई अन्य जगहों पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं। मैं नहीं समझता कि मात्र साल साल के अंदर गांव-देहात में इतने बड़े स्तर पर किसी सरकार ने स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर कभी काम किया होगा। इसके अलावा भी गांवों में स्पोर्ट्स को बढावा देने के लिए सरकार की और भी कई योजना है।
अगले एक साल में सभी कच्ची कॉलोनियों में सीवर और सड़क की व्यवस्था हो जाएगी- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने गांवों की समस्याओं पर कहा कि कई ऐसे गांव हैं जो कच्ची कॉलोनियों में तब्दील हो गए हैं। हमारी सरकार बनने से पहले कच्ची कॉलोनियों के अंदर बहुत बुरा हाल था। कच्ची कॉलोनियों में सड़कें, पानी, सीवर नहीं था। हमने पिछले तीन साल में एक साथ कच्ची कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू किया। दिल्ली में करीब 1800 कच्ची कॉलोनियां हैं। हमारी सरकार बनने से पहले 1800 में से केवल 884 कच्ची कॉलोनियों में पानी की व्यवस्था थी, लेकिन हमने अब सारी कॉलोनियों में पानी की व्यवस्था कर दी है। पहले केवल 230 कालोनियों में सीवर की व्यवस्था था, हमने 750 कालोनियों में सीवर की व्यवस्था कर दी है और अगले एक साल के अंदर सारी कॉलोनियों में सीवर की व्यवस्था हो जाएगी। पहले केवल 262 कॉलोनियों में सड़कें बनी थीं, हमने 850 कालोनियों में सड़कें बनवा दी है और एक साल में सभी में सड़कें बन जाएंगी।
गांवों में धारा 33 व 81 की समस्या के समाधान के लिए हमने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आगामी बजट में दिल्ली के सभी 360 गांवों में सड़कें, पीने का पानी, सीवर और पानी की निकासी का कार्य स्वीकृत कर देंगे और एक साथ काम शुरू हो जाएगा। इस संबंध में मैंने अधिकारियों को आदेश दिया है। इसका एस्टिमेट बनाया जा रहा है। कंझावला से कराला और फूट की सड़क बहुत खराब है। इसको ठीक कराएंगे। नांगलोई से नजफगढ़ रोड का भी बुरा हाल है। वहां पर पानी के निकासी की समस्या है। हमने पानी के निकासी की समस्या और सड़क को ठीक करने का आदेश दे दिया है। गांवों में धारा-81 और 33 की समस्या रहती है। इसके लिए मैं काफी लड़ा हूं। हमने दो साल पहले विधानसभा में भी एक प्रस्ताव पारित किया था। फिर हमने केंद्र सरकार को भी भेजा, लेकिन हमारे हाथ में नहीं है। वो केंद्र सरकार और एलजी साहब के हाथ में है। मैं बीच-बीच में इस मुद्दे को उठाता रहता हूं और उठाता रहूंगा।
बवाना से रिठाला मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए आज से बस की शुरूआत हो गई है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लिबासपुर में एक शानदार स्कूल ऑफ एक्सिलेंस बना है। पिछले 75 साल में हमारी सरकार से पहले किसी भी सरकार गांव-देहात में इतना ध्यान नहीं दिया होगा। आज 990सी बस की भी शुरूआत की गई, जो बवाना से रिठाला मेट्रो स्टेशन जाएगी। यह बस बरवाला, पूट खुर्द, प्रहलातपुर को भी रिठाला मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगी। पिछले दो-तीन सालों में काफी बसें देहात में लगाई गइ हैं। इससे पहले शायद ही लगाई गई होंगी। बस घाटे में चले या फायदे में चले, जनता को सहूलियत मिलनी चाहिए। सरकार जनता से पैसा कमाने के लिए नहीं बैठी है, बल्कि सहूलियत देने के लिए है।
मुझे ये देखकर बहुत बुरा लगता है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन के लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने डीटीसी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर कहा कि पेंशन को लेकर कई सारे कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। मुझे बहुत बुरा लगता है कि रिटायरमेंट के बाद बुढ़ापे में धरने-प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। जब हमारी सरकार बनी थी, तब डीटीसी पेंशन की बहुत ज्यादा समस्या थी। पहले डीटीसी को अपना फंड बनाने के लिए कहा जाता था। उस फंड से कर्मचारियों को पेंशन दी जाएगी। हमने सातवां वेतन आयोग लागू किया था और एरियर भी दिलवाए थे। हमारी सरकार ने तय किया कि डीटीसी के पास कोई फंड नहीं है और किसी कर्मचारी को पेंशन नहीं दे सकती। कर्मचारियों को पेंशन दिल्ली सरकार देगी और दिल्ली सरकार पेंशन देती आ रही है। समय पर पेंशन मिला करती थी। लेकिन पिछले एक साल से कर्मचारियों को पेंशन मिलने में समस्या हो रही है। यह सोचने वाली बात है कि एक साल से ही क्यों समस्या हो रही है? कुछ न कुछ गड़बड़ तो है। इस मामले में मैं व्यक्तिगत तौर पर लगा हूं। पिछले सप्ताह एलजी साहब से भी मिला और कहा था कि किसी की पेंशन रोकना ठीक नहीं है। मैंने एलजी साहब को मना लिया है। मैने पेंशन की फाइल मंगा ली है और बहुत जल्द पेंशन जारी कराउंगा।
सात साल में शायद ही किसी सरकार ने स्पोर्ट्स पर इतना काम किया होगा- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल साल में हमने स्पोर्ट्स पर बहुत काम किया है। शायद ही किसी और सरकार ने इतना काम किया होगा। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार प्ले एंड प्रोग्रेस पॉलिसी के तहत साल में 13-14 साल से कम उम्र के बच्चों को 2-3 लाख रुपए देते हैं, ताकि हुनर वाले बच्चों को कोचिंग और अच्छी डाइट के लिए मदद मिल पाए। इसी तरह, मिशन एक्सीलेंस के तहत राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तैयारी के लिए साल में 16 लाख रुपए देते हैं। साथ ही हमने गांव-देहात में कई स्पोट्सर्् सुविधाएं भी विकसित की हैं। इसमें हमने 16 करोउ़ रुपए में बवाना स्टेडियम को रेनोवेट किया। नजफगढ़ में नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। कैर, मुंडका में नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। पूटकलां में सिंथेटिक कोर्ट बनकर तैयार है। प्रहलादपुर में नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। कटेवड़ा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्वीकृत हो गया है। झारोड़ा कलां, मितरांचव और समस्तपुर में बनकर तैयार हो गया है।
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