नई दिल्ली। शरीर की दरुगध आपके लिए सामाजिक तौर पर बड़ी चुनौतियां खड़ी कर सकती है। इस बीच एक हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि सिर्फ 30 फीसदी लोग नियमित रूप से डिओडोरेंट का इस्तेमाल करते हैं, जबकि ज्यादातर लोग इसकी ऊंची कीमत की वजह से कभी-कभी इस्तेमाल करते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “करीब 30 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि वह रोजाना डिओडोरेंट का इस्तेमाल करते हैं। जवाब देने वालों में 70 फीसद ने कहा कि डिओडोरेंट का इस्तेमाल कभी-कभी करते हैं और इसके लिए बाजार में इस उत्पाद की कीमत को जिम्मेदार ठहराया।”
रिपोर्ट में कहा गया, “बड़ी संख्या में उत्तरदाताओं ने कहा कि वे डिओडोरेंट उत्पादों का इस्तेमाल नियमित रूप से करेंगे यदि ये उत्पाद मौजूदा कीमत से सस्ते होंगे।”
सिंथोल डियोस्टिक ने एसी निल्सन के सहयोग से ‘भारत में डिओडोरेंट के इस्तेमाल’ रिपोर्ट को जारी किया।
इसमें उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत से युवा पुरुष और महिलाओं ने शरीर की गंध और डिओडोरेंट के इस्तेमाल पर अपने विचार सर्वेक्षण में रखे।
करीब 87 फीसद उत्तरदाताओं का मानना है कि उनका सामाजिक विश्वास उनके व्यक्तिगत प्रस्तुति से जुड़ा हुआ है।
करीब 51 फीसदी लोगों ने सर्वेक्षण में कहा कि वह डिओडोरेंट के बारे में जानते हैं, लेकिन अधिक मूल्य के कारण खरीद नहीं सकते।
(आईएएनएस)
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