गोवाहाटी। आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ एस एम आसिफ ने कहा है कि आसाम में होने जा रहे विधान सभा चुनाव में भाजपा की विघटनकारी राजनीति अब नहीं चलेगी। प्रदेश की जनता को भारतीय और विदेशी कहकर बांटने वाली केन्द्र सरकार की हिम्मत नहीं है कि वह यहां सीएए को लागू कर सके। और हम किसी भी कीमत पर यहाँ सीएए और एनआरसी यहां लागू नहीं होने देंगे।
यहां गोवाहाटी में प्रेस क्लब में अपने प्रदेश पदाधिकाररियों के साथ मीडिया को सम्बोधित करते हुए डॉ आसिफ ने 27 मार्च को होने वाले आसाम विधान सभा चुनाव में 26 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की घोषणा की और कहा कि यहां की शेष विधान सभा सीटों पर आल इंडिया माइनोरटीज फ्रंट संघर्षशील बेहतर उम्मीदवारों को तथा अपने सहयोगी दलों का समर्थन कर उनके चुनाव प्रचार में सहयोग करेगा। आसाम की विधान सभा 126 सदस्यों वाली है.
उन्होंने कहा कि पूरे देश सीएए का भय दिखाकर लोगों को भ्रमित करने वाली केन्द्र सरकार की हिम्मत नहीं कि वह आसाम में सीएए लागू कर सकें। सीएए और एनआर सी का इस्तेमाल भाजपा और उसकी सरकार राजनैतिक हथियार के रूप में कर रही है। लेकिन सीएए बनने के बावजूद वह लागू नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीएए और एनआरसी का भय दिखाना बन्द करे। इसी के साथ उन्होंने ऐलान किया कि माइनोरिटीज फ्रंट सत्ता में आने के बाद इन दोंनों सीएए और एनआरसी को किसी भी कीमत पर आसाम में लागू नहीं होने देगा। एक सवाल के जवाब में डॉ आसिफ ने कहा कि यूडीएफ नेता बदरूद्दीन अजमल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मददगार के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने 26 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन में टिकट मांगा है, जहां वे परोक्ष रूप से भाजपा की मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर वे प्रदेश में अल्पसंख्यकों का रहनुमा खुद को मानते हैं तो उन्होंने केवल 26 स्थानों पर ही अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को लड़ाने का फैसला क्यों लिया। जनता उनकी इस चाल को समझती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के चलते आसाम का मजदूर वर्ग बेरोजगारी के चरम पर पहँुच गया। शिक्षा का स्तर इस कदर गिर गया है कि बच्चों को अपनी स्कूल की किताबें पढऩा नहीं आता और प्राथमिक शिक्षा की स्थिति यह है कि बच्चे 100 तक की गिनती और पहाड़े लिखने में अक्षम हैं। उन्होंने कहा कि विभाजनकारी और साम्प्रदायिकता फैलाने वाली भारतीय जनता पार्टी से प्रदेश को हर कीमत पर सत्ता से दूर रखा जाएगा। यहां का सौहार्द तोडऩे का आधिकार किसी को भी नहीं है। भले ही भाजपा के पास केन्द्र की सत्ता है, हम उसके खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ेगे।
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