इंद्र वशिष्ठ
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पुलिस महानिदेशक दीपेंद्र पाठक समेत अनेक अफसर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। पुलिस अफसरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पोर्ट ब्लेयर स्थित पुलिस मुख्यालय को बंद कर दिया गया है।
पुलिस महानिदेशक दीपेंद्र पाठक ने बताया कि पुलिस मुख्यालय में तैनात लगभग 100 अफसरों/पुलिस कर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया गया था।
पुलिस महानिदेशक दीपेंद्र पाठक, आईजी संजय कुमार , एसपी अंकित चौहान और संजय कुमार के स्टाफ अफसर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
जिसके बाद दीपेंद्र पाठक समेत सभी अफसरों को क्वारंटीन यानी एकांतवास में रहने की सलाह दी गई। सभी अफसर अपने घरों में एकांतवास में रह रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय में तैनात सभी पुलिस अफसर अब अपने घरों से ही अपने दफ्तर के कार्य भी कर रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय बंद-
पुलिस अफसरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पोर्ट ब्लेयर स्थित पुलिस मुख्यालय को सेनेटाइज किया गया और पुलिस मुख्यालय को बंद कर दिया गया है।
आईपीएस के 1990 बैच के AGMUT काडर के (अरुणाचल, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश) दीपेंद्र पाठक दिल्ली पुलिस में अनेक पदों पर रहे हैं। दीपेंद्र पाठक दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता भी रहे हैं। दिल्ली पुलिस में तैनात रह चुके संजय कुमार और अंकित चौहान भी अगमयूटी काडर के ही आईपीएस अफसर हैं।
अंडमान-निकोबार में 11 कोरोना पॉजिटिव –
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मार्च से अब तक कुल 44 केस कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इनमें 33 की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी थी जिसके बाद अंडमान एक तरह से कोरोना मुक्त हो गया था।
लेकिन विमान सेवाएं दोबारा शुरू होने के बाद कोरोना पॉजिटिव के यह नए मामले सामने आए हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में इस समय इन चार पुलिस अफसरों समेत कुल 11 मामले कोरोना पॉजिटिव के हैं।
मरकज मामले में सरकार और पुलिस की लापरवाही-
दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल तब्लीगी जमात के लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की सूचना सबसे पहले अंडमान-निकोबार द्वीप समूह प्रशासन ने ही 25 मार्च को दिल्ली सरकार को दे दी थी।
मरकज में धार्मिक आयोजन में शामिल हो कर अडंमान लौटे 6 जमातियों के कोरोनाग्रस्त पाए जाने का मामला 25 मार्च को उजागर हो गया था। इसके बावजूद केंद्र और दिल्ली सरकारों और दिल्ली पुलिस ने मरकज को खाली कराने में घोर लापरवाही बरती।
काला पानी
उल्लेखनीय है कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। फिरंगी सरकार क्रांतिकारियों को कड़ी सज़ा देने के लिए काला पानी के सेलुलर जेल में बंद करती थी।
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