एस.पी. चोपड़ा,
#लिपस्टिक अंडर माय बुर्का भोपाल में रहनेवाली चार महिलाओं, ऊषा परमार (रत्ना पाठक शाह), रेहाना अबिदी (प्लाबीता बोर ठाकुर), शिरिन असलम (कोंकणा सेन शर्मा) व लीला (अहाना कुम्रा) की कहानी है, जो पड़ोेसी हैं और मिडिल लोअर क्लास एरिया में रहती हैं. रेहाना बुर्का पहननेवाली एक कॉलेज स्टुडेंट है, जो माइली सायरस को पसंद करती है और कॉलेज के बैंड में गाना गाना चाहती है.
उसी के पड़ोस में तीन बच्चों की मां शिरिन रहती है, जो सेल्सवुमन का काम करती है, जिसका पति रोज़ उसकी इच्छा के विरुद्ध उससे शारीरिक संबंध बनाता है. लीला एक ब्यूटीशियन है, जो नया बिज़नेस सेट करना चाहती है और उसका अफेयर मुस्लिम फोटोग्राफर विक्रांत मैसी से है. ऊषा परमार (रत्ना पाठक शाह) 55 वर्षीय विधवा महिला है, जिसे सब बुआजी के नाम से जानते हैं, जो समाज के लिए अपनी शारीरिक इच्छाओं को दबा रखा है.
कोंकणा सेन शर्मा शिरीन के किरदार में कई शानदार सीन दी हैं जिन्हें देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रत्ना पाठक शाह का किरदार भी फिल्म में काफी प्रभावित करता है। उनका किरदार काफी मजेदार और सबसे अधिक प्रभावित करता है। आहना कुमारा का दमदार किरदार और पल्बिता बोरठाकुर का विद्रोही अंदाज भी काफी अच्छा है। विक्रम मेसी को फिल्म में देखना काफी मजेदार है हालांकि उनका रोल फिल्म में छोटा है। सुशांत सिंह, वैभव तत्ववादी ने भी अपना काम बखुबी किया है।
शशांक अरोड़ा का प्लॉट फिल्म में कमजोर है। बॉलीवुड में इस तरह की फिल्में कम बनती हैं, अगर आप फिल्म में कुछ दमदार कंटेट देखना चाहते हैं तो लिपस्टिक के इस बोल्ड शेड को देखिए जिसका असर काफी समय तक रहेगा। कमर्शियल फिल्मों के शौक़ीनों को शायद फिल्म स्लो लगें।
स्टार कास्टः कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक, अहाना कुम्रा, प्लाबीता बोर ठाकुर, विक्रांत मैसी, सुशांत सिंह
निर्देशकः अलंकृता श्रीवास्तव
रेटिंगः 3.5
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