जयपुर :राजस्थान कांग्रेस को आखिरकार अजय माकन के रूप में नया प्रभारी मिल गया है, जिन्होंने राज्य में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अविनाश पांडे का स्थान लिया है। राजस्थान में सियासी संकट दिल्ली के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप से सुलझा लिया गया। पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट हाल ही में अपने खेमे के 18 विधायकों के साथ दिल्ली गए थे और कहा था कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। हालांकि, बाद में कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, अहमद पटेल और वेणुगोपाल के प्रयासों से एक सुलह के बाद वे जयपुर वापस आ गए।
पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के साथ अपनी बैठक के दौरान उन्हें उन मुद्दों से अवगत कराया जो उनके मुताबिक पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे।
पायलट की सिफारिश पर, उनकी और उनकी टीम द्वारा दर्ज की गई शिकायतों को देखने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इस टीम में अजय माकन, अहमद पटेल और के सी वेणुगोपाल शामिल हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया, “अविनाश पांडे ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी के तौर पर अपने कर्तव्यों का सही पालन नहीं किया। पार्टी के प्रभारी होने के नाते वह राज्य इकाई और कांग्रेस आलाकमान के बीच नोडल अधिकारी थे। हालांकि, वह चुप रहे। पायलट और गहलोत के बीच बढ़ते मतभेद और हाईकमान को मामले की जानकारी नहीं दी।”
उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में संगठनात्मक और सरकारी ढांचे को संतुलित करने के लिए एक नई समिति का गठन किया गया था, लेकिन पार्टी और सरकार को परेशान करने वाले मुद्दों को हल करने के लिए कोई बैठक नहीं बुलाई गई। डेढ़ साल में कोई राजनीतिक नियुक्ति नहीं की जा सकी।
इस बीच, तीन सदस्यीय समिति में माकन को शामिल करने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता उम्मीद से भरे दिखे और कहा कि माकन ने हाल के संकट के दौरान कड़ी मेहनत की और विधायकों से फीडबैक लिया जो आलाकमान को भेजा गया था। माकन का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पुराना संबंध है, क्योंकि गहलोत उस समय कांग्रेस के महासचिव थे जब माकन दिल्ली से सांसद थे।
2013 में राजस्थान की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते वह राजस्थान कांग्रेस के अधिकांश विधायकों और पदाधिकारियों के संपर्क में रहे हैं।
माकन, राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
–आईएएनस
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