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Dakhinpara: Rohingya refugees arrive at Shah Porir Dwip in Dakhinpara ofBangladesh from Rasidong in Myanmar, on Sept 13, 2017. (Photo: bdnews24/IANS)

‘अपनी दिक्कतों के बावजूद बांग्लादेश रोहिंग्या लोगों को दे रहा है आश्रय’

 

अगरतला: बांग्लादेश के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि बांग्लादेश ने आर्थिक व जनसांख्यिकीय समस्या और म्यांमार के साथ लंबे समय से विवाद के बावजूद 10 लाख परेशानहाल विस्थापित रोहिंग्या लोगों को रहने के लिए आश्रय दिया है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के सलाहकार (मीडिया) इकबाल सोभन चौधुरी ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, “बांग्लादेश का म्यांमार के साथ पिछले कई सालों से विवाद रहा है। आर्थिक और हम पर दूसरे तरह के भारों के बावजूद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मानवीय आधार पर 10 लाख बदकिस्मत रोहिंग्याओं को आश्रय देने का निर्णय लिया है।”

उन्होंने कहा कि भयावह अत्याचारों के बाद म्यांमार सेना ने मासूम रोहिंग्याओं को बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा, “रखाइन राज्य में योजनाबद्ध दुष्कर्म, नरसंहार, यातना और उनके घरों और संपत्तियों को आग लगाकर रोहिंग्या मुसलमानों को अपनी पारंपरिक मातृभूमि से भागने के लिए मजबूर कर दिया गया।”

उन्होंने कहा, “इस क्रूर उत्पीड़न का उद्देश्य रखाइन राज्य को रोहिंग्य मुक्त क्षेत्र बनाना है।”

उन्होंने बताया कि पिछले सालों में, पांच लाख रोहिंग्याओं ने दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में शरण ली है और पिछले छह हफ्तों में 550,000 से अधिक रोहिंग्या भाग कर बांग्लादेश आए हैं।

चौधरी ने कहा, “अगर बांग्लादेश इन भाग्यहीन रोहिंग्या लोगों को आश्रय नहीं देता तो ये कहां जाते? साथ ही, हमारी सरकार और सुरक्षा बल दोनों सचेत हैं कि भविष्य में रोहिंग्या लोगों और उनके अस्थायी शिविरों से कोई सुरक्षा का खतरा नहीं उभरे।”

अधिकारी ने कहा, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक, खासकर हिदू सुरक्षित हैं। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में इस साल तीस हजार से अधिक दुर्गा पूजा के पंडाल लगाए गए थे, जो पिछले साल की तुलना में 777 अधिक हैं।

चौधरी एक सांस्कृतिक समारोह में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ऐतिहासिक माना जाता है और यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के संयुक्त प्रयासों के कारण नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लोग दोनों पड़ोसियों के बीच बेहतर रिश्ते चाहते हैं। पिछले साल 14 लाख बांग्लादेशियों ने व्यापार, चिकित्सा उपचार और यात्रा जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए भारत का दौरा किया था।

भारत के पांच राज्यों की सीमा पश्चिम बंगाल (2,216 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), मिजोरम (318 किलोमीटर) और असम (263 किमी) बांग्लादेश के साथ साझा करती है।

–आईएएनएस

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