काबुल| अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने घोषणा की कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है, इसके साथ ही युद्धग्रस्त राष्ट्र पर वाशिंगटन के नेतृत्व वाले सेना के 20 साल का सफर का अंत हो गया है। यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर केनेथ मैकेंजी ने सोमवार मध्यरात्रि एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान घोषणा की, “मैं यहां अफगानिस्तान से वापसी और अमेरिकी नागरिकों, तीसरे देश के नागरिकों और कमजोर अफगानों को निकालने के मिशन की समाप्ति की घोषणा करने के लिए हूं।”
मैकेंजी ने कहा, “आखिरी सी-17 ने 30 अगस्त को हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से आज दोपहर 3.29 बजे उड़ान भरी।”
मैकेंजी ने कहा कि वापसी के पूरा होने से युद्धग्रस्त राष्ट्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का अंत हो गया है। साथ ही राजनयिक मिशन यह सुनिश्चित करेगा कि अतिरिक्त अमेरिकी नागरिकी और देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले योग्य अफगान देश छोड़ सकें।
27 अगस्त काबुल बम विस्फोटों के दौरान मारे गए 13 सैनिकों सहित अफगानिस्तान में मारे गए 2,461 अमेरिकी सेवा सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए मैकेंजी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि कोई भी अमेरिकी नागरिक काबुल से अंतिम पांच निकासी उड़ानों में शामिल होने में कामयाब नहीं रहा, जिसका अर्थ है कि अभी भी देश छोड़ने के इच्छुक कुछ अमेरिकी वहां रह गए हैं।
उन्होंने कहा, “हम उन्हें आखिरी मिनट तक लाने के लिए तैयार होते, लेकिन उनमें से कोई भी हवाईअड्डे पर नहीं पहुंचा और उन्हें साथ नहीं लाया जा सका।”
जनरल ने कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विदेश विभाग अब उन लोगों की सहायता करने का प्रभारी है।
उन्होंने कहा, “इस अभियान का सेना का चरण समाप्त हो गया है..उसकी कूटनीतिक अगली कड़ी अब शुरू होगी।”
जनरल ने कहा कि अमेरिका शेष अमेरिकी नागरिकों को निकालने की कोशिश जारी रखेगा और योग्य अफगानों को वाशिंगटन लाने के लिए आक्रामक तरीके से बातचीत करेगा।
अमेरिकी मीडिया ने विदेश विभाग के एक अधिकारी के हवाले से सोमवार को पहले कहा था कि ऐसा माना जाता है कि अफगानिस्तान में अभी भी 250 से कम अमेरिकी नागरिक हैं।
–आईएएनएस
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