अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर शुरू हुई तकरार आखिरकार शीत युद्ध तक पहुंच गई है। अमेरिका-चीन अब आमने-सामने आ गए है। इसी बाबत अमेरिका ने अपने नए विजन डॉक्यूमेंट में स्पष्ट किया है कि चीन ने कानून पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का दुरुपयोग किया है ।
जारी किया विजन डॉक्यूमेंट
‘यूनाइडेट स्टेट स्ट्रेटेजिक एप्रोच टू द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ शीर्षक से अमेरिका के इस विजन डॉक्यूमेंट को व्हाइट हाउस ने जारी किया है। वैसे तो इस दस्तावेज में शीत युद्ध शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, लेकिन उसका मकसद साफ है। अमेरिका ने माना है कि दोनों बड़ी शक्तियां अपने हितों की उचित तरीके से रक्षा करने के लिए आमने-सामने हैं। अमेरिका ने सीसीपी से मिल रही प्रत्यक्ष चुनौतियों का जवाब देने का एलान किया है।
जिम्मेदार राष्ट्र की तरह बर्ताव
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन (पीआरसी) के प्रति अमेरिकी नीति अभी तक इस उम्मीद पर आधारित थी कि उसके साथ संबंधों को मजबूत बनाने से वहां मौलिक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक खुलापन को बल मिलेगा और विश्व व्यवस्था में चीन एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह बर्ताव करेगा।
अमेरिका नहीं समझा चीन की चाल
ये साफ हो गया है कि अमेरिका चीन के आर्थिक और राजनीतिक सुधार की उम्मीद खत्म होने के कगार पर है। उसने खुली और नियमों पर आधारित व्यवस्था का दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सीपीपी के हितों और विचारधारा के मुताबिक बनाने की कोशिश की है।
चीन से ही आया कोरोना : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया है कि कोरोना वायरस चीन से ही निकला है और उनका देश इसे हल्के में नहीं लेगा। चीन के प्रति ट्रंप बहुत सख्त बयान देते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने यह संकेत नहीं दिया है कि वह क्या कदम उठाने जा रहे हैं।
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