न्यूयॉर्क| भारतीय मूल की अमेरिकी अनमोल नारंग अमेरिकी सैन्य अकादमी से स्नातक (ग्रेजुएट) होने वाली पहली धर्म अनुपालक सिख (आब्वजर्वेट सिख) बन गई हैं। नारंग लगभग 1,100 कैडेटों में से हैं, जिन्होंने शनिवार को न्यूयॉर्क में वेस्ट प्वाइंट के प्रीमियर संस्थान के कैंपस में सेकंड लेफ्टिनेंट रैंक के साथ स्नातक किया। इस अवसर पर हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद थे।
नारंग ने एक बयान में कहा, मैं अन्य सिख अमेरिकियों को बताना चाहती हूं कि चुनौती के लिए तैयार किसी के लिए भी कोई भी करियर संभव है।
इससे पहले सिख पुरुषों ने वेस्ट प्वाइंट से स्नातक किया है, मगर संस्था सिख कोअलिशन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि अनमोल इस संस्थान से स्नातक करने वाली पहली ‘पहली आब्जर्वेट सिख’ हैं।
यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि उन्हें अपने धार्मिक विश्वासों से समझौता करने की आवश्यकता नहीं पड़ी जिसे उनसे पहले के सिख स्नातकों को नियमों के कारण मानना पड़ा था। अब यह नियम रद्द हो चुके हैं।
उन्हें अपने बाल कटवाने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि महिलाओं को व्यक्तिगत ग्रूमिंग के नियमों के तहत यह छूट दी गई है। इससे पहले सिखों को अपने बालों और दाढ़ी को कटवाने के लिए अपने धार्मिक नियमों का भी उल्लंघन करने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
अब सिख पुरुषों को भी इससे छूट मिल गई है और अकादमी में वर्तमान में कम से कम दो पुरुष अध्ययन कर रहे हैं, जिन्हें नए नियमों के तहत अपनी दाढ़ी और बाल नहीं कटाने पड़े हैं।
अमेरिकी सेना के कप्तान सिमरपाल सिंह 2010 के वेस्ट प्वाइंट स्नातक हैं, जिन्हें उस समय के नियमों के तहत अपने बालों को कटवाने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा, मुझे सेकंड लेफ्टिनेंट नारंग को उनके लक्ष्य को प्राप्त करते देखकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।
उन्होंने कहा, सभी सैन्य इकाइयों के साथ-साथ वेस्ट प्वाइंट जैसे शीर्ष स्तरीय नेतृत्व स्थानों में सिख सैन्य सदस्यों की व्यापक स्वीकृति न केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों, बल्कि अमेरिकी सेना की ताकत और विविधता को भी लाभान्वित करती रहेगी।
सिंह ने अदालत में मुकदमा जीता था, जिसमें सिखों पर लगे सेना के प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी, ताकि उन्हें अपने बालों और दाढ़ी को नहीं कटवाना पड़े।
वर्तमान में केवल सेना और वायु सेना ने सिखों को यह छूट दी है, जबकि अन्य सेवाओं में अभी छूट प्राप्त नहीं हो सकी है।
–आईएएनएस
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