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अल्पसंख्यक शैक्षणिक कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा मनमानी कार्यवाहि की पॉपुलर फ्रंट ने की निंदा

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव एम. मोहम्मद अली जिन्ना ने आंध्र प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट के एक छात्रवृर्ति वितरण कार्यक्रम में कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा डाले गए ख़लल और झूठे आरोप में संगठन के जोनल सचिव व अन्य जिला लीडरों की मनमानी गिरफ्तारी और उन्हें यातना देने के तरीके की कड़े शब्दों में निंदा की है।

मोहम्मद अली जिन्ना ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू से राज्य में अल्पसंख्यक अधिकारों के उल्लंघन के इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।

आज आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर क्षेत्र में एक शैक्षिक कार्यक्रम के दौरान जो कुछ हुआ, वह छात्रों और निर्दोष लोगों पर पुलिस द्वारा अपनी ताकत का दुरुपयोग है। ज्ञात हो कि सुमैया हॉल में स्कॉलरशिप वितरण का एक एक-दिवसीय कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें छात्रों के लिए स्किल डेवलपमेंट, काउंसलिंग व अन्य मोटिवेशनल सेशन शामिल थे।

कार्यक्रम के बीच में जब पुंगनूर थाने के सब-इंस्पेक्टर और हेड-कॉन्स्टेबल ने भाग लेने वालों की तस्वीरें लेकर उन्हें भयभीत करने और कार्यक्रम को प्रभावित करने की कोशिश की, तो प्रबंधकों ने हस्तक्षेप करते हुए पुलिस को बताया कि यह एक पब्लिक प्रोग्राम है और उन्हें उनके द्वारा ली गई तस्वीरें देने में खुशी महसूस होगी, और उन्होंने तस्वीरें दे भी दीं।

एक समय के लिए ऐसा लगा कि मामला हल हो गया, लेकिन अधिकारी इसको इतनी आसानी से रफा-दफा होने देने के लिए तैयार नहीं थे। उस वक्त प्रबंधकों और छात्रों की हैरत की इंतिहा ना रही, जब वही अधिकारी थोड़ी देर के बाद फिर वापस आए और हॉल व्यवस्था को बिगाड़ दिया और निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार हुए लोगों में पॉपुलर फ्रंट के जोनल सचिव मोहम्मद आरिफ अहमद और पॉपुलर फ्रंट पुंगनूर के जिला अध्यक्ष फैयाज अहमद भी शामिल हैं। उन्हें फिलहाल पुलिस के काम में रुकावट डालने के झूठे आरोप में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

पॉपुलर फ्रंट की स्कॉलरशिप स्कीम देश में एक अनोखे प्रकार की स्कीम है और एक दशक से ज्यादा समय से इस पर अमल हो रहा है। अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़े तबकों के हजारों गरीब वह होनहार छात्र इससे लाभ उठा चुके हैं। पुलिस की इस तरह की गुंडागर्दी को देश के पिछड़े वर्गों के शैक्षिक सशक्तिकरण की कोशिशों पर हमले के तौर पर देखा जाना चाहिए।

एक सभ्य समाज और सेक्युलर व लोकतांत्रिक मूल्यों का दम भरने वाली सरकार के लिए यह बड़ी शर्म की बात है। इसलिए हम चंद्रबाबू नायडू सरकार से यह अपील करते हैं कि वह इस तरह की ज्यादती के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे और चारों निर्दोष गिरफ्तार लोगों की बिना शर्त रिहाई के लिए जरूरी कदम उठाए।

पॉपुलर फ्रंट पुलिस की इस खुली मनमानी के खिलाफ लोकतांत्रिक व कानूनी तरीकों से अपना संघर्ष जारी रखेगा। हम तमाम नागरिकों से पुलिस की इस ज्यादती के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील करते हैं।

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