काराकाट, 30 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के काराकाट से एक सभा को संबोधित करते हुए आतंकियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मैं बिहार की धरती से से कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत की ताकत दुश्मनों के साथ पूरी दुनिया ने देखी है। लेकिन, दुश्मन यह समझ लें कि यह तो हमारी तरकस का एक ही तीर है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रुकी है न ही थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा भारत उसे बिल से खींचकर कुचलने का काम करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है। चाहे सीमा पार हो देश के भीतर हो। बीते वर्षों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का खात्मा किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब मैं बिहार आया था तो मैंने कहा था कि आतंकियों को उसकी कल्पना से परे सजा दी जाएगी। आज बिहार में, मैं जब आया हूं तो अपना वचन पूरा करके आया है। जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों को सिंदूर उजाड़ा था। हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है। भारत की बेटियों की शक्ति क्या होती है। यह पाकिस्तान ने भी देख लिया है, दुनिया ने भी देख लिया है। जिस पाकिस्तानी सेना की पनाह में आतंकी खुद को सुरक्षित मानते थे। हमारी सेनाओं ने एक ही झटके में उनको भी घुटने पर ला दिया। पाकिस्तान के एयर बेस, सैन्य ठिकानों कुछ ही मिनट में तबाह कर दिए। यह नया भारत है और उसकी ताकत है।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार वीर कुंवर सिंह की धरती है। यहां से हजारों युवा देश की सुरक्षा के लिए सेना में अपनी जवानी लगा देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत दुनिया ने हमारी बीएसएफ का अभूतपूर्व पराक्रम और अदम्य साहस देखा है। हमारी सीमा में तैनात बीएसएफ के जवान सुरक्षा की अभेद चट्टान है। मां भारती की रक्षा हमारे बीएसएफ के जवानों के लिए सर्वोपरि है। मातृभूमि की सेवा का पवित्र धर्म निभाते हुए 10 मई बीएसएफ सब इंस्पेक्टर इम्तियाज शहीद हो गए थे। मैं उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि बिहार में कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर, आसपास के जिलों में नक्सलवाद हावी था। मुंह पर नकाब लगाए हाथों में बंदूक थामे नक्सली कब कहां सड़कों पर निकल आएं, हर किसी को यह डर था। सरकारी योजना आती थी लेकिन नागरिकों तक नहीं पहुंचती। नक्सल प्रभावित इलाकों में अस्पताल, मोबाइल टावर, स्कूल नहीं थे। यहां पर सड़क बनाने वाले लोगों को मार दिया जाता था। इन लोगों को बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान पर विश्वास नहीं था। लेकिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी परिस्थितियों में विकास की पूरी कोशिश की।
2014 के बाद से हमने इस दिशा में तेजी से काम किया। माओवादियों को उनके कामों की सजा दी। हम युवाओं को विकास की मुख्यधारा में लेकर आए। 11 साल का प्रतिज्ञा का फल अब देश को मिलना शुरू हुआ है। पीएम ने आगे कहा कि 2014 से पहले देश में सवा सौ ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे। अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं। वो दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। शांति, सुरक्षा, शिक्षा गांव गांव तक बिना रुकावट के साथ पहुंचाया जाएगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब बिहार से जंगलराज सरकार की विदाई हुई तो बिहार ने भी प्रगति की। बिहार में टूटी सड़कें, हाईवे, खराब रेलवे अब सिर्फ इतिहास बनकर ही रह गई है।
–आईएएनएस
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