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Cows at a cowshed. (File Photo: IANS)

आरएसएस से जुड़े मौलवियों ने बकरीद पर गोहत्या न करने की शपथ ली

 

नई दिल्ली| आरएसएस से जुड़े दर्जनों मौलवियों ने यहां मंगलवार को ईद उल अजहा (बकरीद) पर गोहत्या न करने की शपथ ली। आरएसएस विंग के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित समारोह में मौलवियों ने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए पूरे देश में बकरीद पर गाय की कुर्बानी न देने के संदेश का प्रसार करने की शपथ ली।

अखिल भारतीय मस्जिदों और मदरसा समन्वय समिति के मौलाना वजाहत कास्मी ने कहा है कि मौलवियों को आने वाले शुक्रवार को अपने अनुयायियों को समझाया जाना चाहिए कि क्यों इस्लाम में प्रतिबंधित नहीं होने के बावजूद गोहत्या गलत है।

कास्मी ने कहा, “मैं कई गो-हत्या विरोधी आंदोलनों का समर्थन देने के लिए कई आदेशों का हवाला दे सकता हूं। गोहत्या से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता है और इस्लाम शांति और सद्भाव का धर्म है। यह किसी भी परंपरा को प्रोत्साहित नहीं करता, इससे शांति भंग होती है।”

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मौलाना कौकब मुज्तबा ने कहा कि मुसलमानों को गोहत्या के खिलाफ बोलना चाहिए, क्योंकि “इस परंपरा से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।”

मुज्तबा ने कहा, “गोहत्या से आपका विश्वास मजबूत नहीं होता। और एक गाय को न मारने से आप नास्तिक नहीं होते।”

उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम नेताओं ने कुछ मुसलमानों में यह डर पैदा किया है कि उनका धर्म भारत में खतरे में है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि गाय इस्लाम में बेहद सम्मानित पशु है, क्योंकि कुरान के सबसे लंबे अध्याय ‘अल बकराह’ का नाम ‘गाय माता’ के नाम पर रखा गया था।

कुमार ने कहा कि पैगंबर ने बीफ खाने को लेकर कहा है कि यह कई बीमारियां पैदा कर सकता है, जबकि दूध और घी से ‘इलाज और उपचार’ किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “जो लोग पशुओं की बलि दे रहे हैं और इसे मारकर खा रहे हैं, वह बीमारी और जहर खा रहे हैं।”

–आईएएनएस

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