इंदौर: स्वयंभू संत भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) ने मंगलवार को यहां अपने खंडवा रोड स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की वजह का खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है।
इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला ने यहां बॉम्बे अस्पताल से बाहर निकलते हुए संवाददाताओं से कहा, “हमारे सिर से संत और संरक्षक का साया उठ गया है। अब वह हमारे बीच नहीं रहे। वजह क्या थी, यह तो जांच से ही पता चलेगा।”
इंदौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, “भय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर खुद को गोली मारी। उन्हें उपचार के लिए यहां बॉम्बे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। खुद को गोली मारने का कारण क्या है, इसका खुलासा नहीं हो पाया हो।”
इस घटना की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में भय्यूजी महाराज के समर्थक बॉम्बे हॉस्पिटल के बाहर जमा हो गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि भय्यूजी महाराज ने अपने दाएं हाथ से सिर में गोली मारी है। वह उस वक्त खंडवा रोड के सिल्वर स्प्रिंग इलाके में स्थित अपने मकान की पहली मंजिल पर थे। उनके आवास पर उपस्थित निकटस्थ लोग उन्हें गंभीर हालत में बॉम्बे अस्पताल लेकर पहुंचे। आईसीयू में इलाज चला, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका।
भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और संघ के लोगों से करीबी रिश्ता रहा है। वह लगातार समाज के लिए कई प्रकल्प चला रहे थे। पिछले दिनों मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।
गौरतलब है कि भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में अन्ना हजारे के अनशन को खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
–आईएएनएस
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