नई दिल्ली, 30 मार्च प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के भीतर कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच में एक कदम आगे बढ़ाते हुए चार व्यक्तियों और एक कंपनी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।
इस मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत करने वाली है। अदालत संभवत: यह तय करेगी कि 8,000 पेज तक के दस्तावेजों के साथ 140 पेज की चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
यह फ्लो मीटर खरीद की निविदा में कथित भ्रष्टाचार का मामला है। सूत्रों के अनुसार, आरोप पत्र में पूर्व डीजेबी मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक डी.के. मित्तल, तेजिंदर सिंह और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक, जिनका निधन हो चुका है, का नाम शामिल हैं। हालांकि उन्हें मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि मामले में लिया गया रिश्वत का पैसा आम आदमी पार्टी (आप) को चुनावी फंड के रूप में दिया गया था।
मामले मे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक एफआईआर में दावा किया गया है कि तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा किए बगैैर ही एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया। इसके बदले में रिश्वत ली गई।
–आईएएनएस
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