नयी दिल्ली| केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली 81 प्रतिशत लिथियम आयन बैटरी स्वदेश में निर्मित होती है।
गडकरी ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि ई-वाहन सफलता की कहानी है। देश में वर्ष 2020 में 24,600 ई-वाहन थे लेकिन आज इनकी संख्या 49,500 से भी अधिक है।
उन्होंने बताया कि कई स्टार्टअप वैकल्पिक बैटरी प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने का साकार करने के लिये सरकार दो साल के भीतर आयात कम करेगी और देश में स्वच्छ ईंधन, वैकल्पिक ईंधन तथा जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ायेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य जॉन ब्रितस के यह पूछे जाने पर कि ईवी को बढ़ावा देने की सरकार की नीति क्या है, गडकरी ने बताया कि ईवी पर जीएसटी की दर सिर्फ पांच प्रतिशत है। उन्होंने साथ ही कहा कि ऊर्जा के दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और यूरोपीय देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है।
कांग्रेस सदस्य जयराम रमेश ने पूछा कि पेट्रोल और डीजल वाहनों को अगले कुछ साल में हटाने की सरकार की क्या नीति है, तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस मसले के हल के लिये स्क्रैपिंग नीति शुरू की है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक लाभ और पर्यावरण अनुकूलन को देखते हुये लोग खुद ही इलेक्ट्रिक वाहन को तरजीह देने लगेंगे। उन्होंने कहा कि वह पेट्रोल और डीजल वाहनों को हटाने का कोई लक्ष्य नहीं तय करेंगे लेकिन अगले तीन साल में पूरा परिदृश्य बदल जायेगा।
–आईएएनएस
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