चमोली (उत्तराखंड)| उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के रेनी गांव में एक बिजली परियोजना के पास भारी बाढ़ के कारण 150 से अधिक लोगों की जान चली गई और 150 से अधिक लोग लापता हैं। ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट के समीप हिमस्खलन के बाद नदी के छह स्रोतों में से एक, धौलीगंगा नदी में जल स्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई। घटना रविवार सुबह की है।
आईटीबीपी ने कहा कि ग्लेशियर टूटने और फिर जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी के बाद ऋषि गंगा में सुबह लगभग 10.45 बजे अचानक बाढ़ आ गई।
इसके कारण ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना पूरी तरह से तबाह हो गई।
आईटीबीपी ने कहा, “जोशीमठ राजमार्ग पर बीआरओ पुल भी पूरी तरह से बह गया। वहां कुछ मवेशियों के साथ छह परिवार भी थे, जो कि बाढ़ में बह गए।”
आईटीबीपी ने कहा, “ऋषिगंगा, रेनी गांव के पास धौलीगंगा से मिलती है। इसलिए धौलीगंगा में भी बाढ़ आ गई। गांव के पांच से छह घर भी बह गए। तपोवन के पास धौलीगंगा नदी पर एक एनटीपीसी परियोजना पूरी तरह से तबाह हो गई। दो तरफ से गांवों को जोड़ने वाले दो ‘झूला’ पुल भी पानी के साथ बह गए।”
आईटीबीपी ने कहा, “तपोवन एनटीपीसी के इंचार्ज के अनुसार बैराज में 100 से अधिक मजदूर और सुरंग में 50 से ज्यादा मजदूरों की जान चली गई है। 150 से अधिक लोग लापता हैं।”
“तपोवन एनटीपीसी स्थल पर दो शव बरामद किए गए। तपोवन के पास चमोली गांव से एक और शव बरामद किया गया। सुरंग के अंदर लगभग 16 से 17 मजदूर सुरक्षित हैं। हमारी टीम उन्हें बचाने के लिए काम कर रही है।”
आईटीबीपी के लगभग 250 कर्मी साइट पर बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं। अर्धसैनिक बल ने कहा कि रेनी गांव के पास पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण सीमा चौकी की कनेक्टिविटी पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लेने और बचाव और राहत कार्यो की निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन इन मंदिर नगरों को अलर्ट पर रखा गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूट कर गिरे हैं वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
सरकार ने लोगों से गंगा नदी के पास नहीं जाने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि वह उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत, उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों के बारे में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने रावत और आईटीबीपी के महानिदेशक एस.एस. देशवाल से भी इस मामले में बात की।
–आईएएनएस
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