नई दिल्ली | सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र बुलाया गया। हालांकि इस मानसून सत्र में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शिरकत नहीं कर सके। सिसोदिया ने बुखार की शिकायत के बाद स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। इसी वजह से वह एक दिवसीय मानसून सत्र में शामिल होने नहीं पहुंचे। दिल्ली के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास है। सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली माल और सेवा कर संशोधन विधेयक सदन में रखने वाले थे, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से वो विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए।
सोमवार को बुलाए गए इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं रखा गया। हालांकि, विधायकों को नियम 280 के तहत अपनी बातें रखने का मौका दिया गया।
दिल्ली सरकार ने सिर्फ एक दिन के लिए ही विधानसभा का मानसून सत्र बुलाया है। विपक्ष ने इसका विरोध किया है। बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष रामवीर विधूड़ी ने कहा, “एक दिवसीय मानसून सत्र को बढ़ाकर कम से कम 5 दिन करने का पार्टी मांग करती है। एक दिन में सभी जरूरी विषय नहीं उठाए जा सकते।”
इस एक दिवसीय सत्र में कोरोना पर चर्चा होनी है। दिल्ली में बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन लगातार 4 हजार से अधिक नए कोरोना मामले आ रहे हैं। एक दिवसीय सत्र में दिल्ली की अर्थव्यवस्था एवं उद्योग धंधों पर पर भी चर्चा हो सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बुखार और गले में खराश की शिकायत के बाद स्वयं को आइसोलेट किया था। कोरोना जांच के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को बुखार की शिकायत के उपरांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
बाद में सत्येंद्र जैन को प्लाजमा थेरेपी भी दी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के लगभग एक महीने बाद सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्य दोबारा संभाला था। जैन की अनुपस्थिति में उस समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे थे।
–आईएएनएस
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