लखनऊ| उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए हुए नामांकन के बाद सोमवार को सभी 10 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। दस में से आठ भारतीय जनता पार्टी से हैं जबकि एक-एक सदस्य समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी के हैं। चुनाव के लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। भाजपा के आठ प्रत्याशियों के निर्वाचित होने से उच्च सदन में पार्टी की ताकत भी बढ़ेगी। बहुजन समाज पार्टी से रामजी गौतम तथा समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी राज्यसभा पहुंचे हैं। इनमें भाजपा के बृजलाल, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी तथा बीएल वर्मा पहली बार सदन में पहुंचे हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह तथा नीरज शेखर को पार्टी ने दोबारा मौका दिया है।
राज्यसभा के लिए 10 सीटों पर चुनाव होने थे, जिन पर प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना पहले से ही तय था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा एक निर्विरोध प्रत्याशी खड़ा किए जाने से हलचल मच गई।
वहीं, बसपा के सात विधायकों ने सपा के समर्थन में अपना रुख जाहिर किया जिस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया। हालांकि, इन चुनाव में बसपा व भाजपा के बीच करीबियां नजर आईं। जिस पर मायावती ने सोमवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि वह राजनीति से सन्यास ले लेंगी लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन कभी नहीं करेंगी।
समाजवादी पार्टी की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और बसपा से रामजी गौतम को विजेता घोषित किया गया है। रामजी गौतम पहली बार उच्च सदन में पहुंचे हैं जबकि प्रोफेसर राम गोपाल यादव का यह लगातार तीसरा सत्र है।
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