नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर सीधा आरोप लगाया कि दोनों को पीएनबी में 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में बहुत पहले पता चल गया था। उन्हें पता था कि देश को लूटा जा रहा है, फिर भी ये मामले को दबाए हुए थे। पार्टी ने सवाल उठाया कि क्या मोदी पीएनबी धोखाधड़ी मामले में जांच का आदेश देंगे?
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पूछा, “प्रधानमंत्री मोदी यह बताने से क्यों इनकार कर रहे हैं कि विदेशों के आधिकारिक दौरे में उनके साथ कौन-कौन यात्रा करता है? क्या यह ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का एक प्रकार है।”
सिब्बल ने कहा, “कुछ व्यापारी, उन निजी लोगों में से होते हैं जो प्रधानमंत्री के साथ आधिकारिक दौरे पर जाते हैं। मैं यह पूछना चाहता हूं कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, नीरव मोदी ने कितनी संपत्तियां अर्जित की हैं और कितना कर्ज लिया है।”
उन्होंने कहा, “जब जानकारी दी जाएगी तो आपको पता चलेगा कि बैंक से कर्ज ज्यादा लिए गए और संपत्तियां उससे कम हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी पीएनबी धोखाधड़ी मामले के जांच के आदेश देंगे?”
सिब्बल ने कहा, “आपने ‘क्रोनी कैपिटलिज्म (सहचर पूंजीवाद)’ को संस्थानीकृत कर दिया। वे लोग हमारे पैसे से अपनी संपत्तियां अर्जित करते हैं और जब वे डिफॉल्टर हो जाते हैं, तब देश से भाग जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “जिस तरह का इज ऑफ डूइंग बिजनेस नीरव मोदी ने किया है, भारत इज ऑफ डूइंग में वाकई नंबर वन बन गया है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार और उसकी सरकार के बारे में वार्ता करने की खुली चुनौती दी।
सिब्बल ने कहा, “उनके खराब इरादे की वजह से, उनलोगों ने भारत की अर्थव्यवस्था को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया। भाजपा को टूजी को घोटाला कहने पर शर्म करना चाहिए। उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को घुटनों पर लाने के लिए शर्मिदा होना चाहिए। आईटी, संचार क्षेत्र कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कार्यालय उस वक्त क्या कर रहा था, जब बड़े बैंकों में घपले हो रहे थे? वित्त मंत्रालय और पीएमओ को जानकारी थी कि देश को लूटा जा रहा है। हम प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री पर सीधा आरोप लगा रहे हैं। उन्हें पता था कि देश को लूटा जा रहा है, फिर भी उन्होंने अपनी आंखें मूंद ली थीं।”
सिब्बल ने कहा, “केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एफआईआर के अनुसार, वर्ष 2017 में 151 समझौता पत्र (एलओयू) जारी किए गए और इसका भुगतान 2018 में बकाया था। इस पर वित्तमंत्री की तरफ से कोई स्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया गया और प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं?”
सिब्बल ने कहा, “नीरव मोदी और इस घोटाले से मानव संसाधन मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, कानून मंत्रालय का क्या लेना-देना है? इन मंत्रालयों के मंत्री क्यों मीडिया के सामने सफाई देने आ जाते हैं? वित्तमंत्री खुद क्यों नहीं घोटाले के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे हैं?”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, अगर आप उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, जिन्होंने देश के बैंकों से 70-80 हजार करोड़ रुपये लिए हैं, तो फिर कौन भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना भरोसा जताएगा। लोगों ने आप पर से भरोसा खो दिया है और जिस तरह से आप हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं, जल्द ही लोग भारत से अपना विश्वास खो देंगे।”
सिब्बल ने कहा, “भारत की स्थिति ऐसी है कि चौकीदार (प्रधानमंत्री) सो रहा है और चोर भाग गया है।”
पार्टी ने पूछा कि मोदी इस मुद्दे पर शांत क्यों हैं और एजेंसियों ने कैसे नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी व अन्य को देश छोड़कर जाने दिया?
सिब्बल ने कहा, “पीएमओ में जब मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई, तो इस पर विचार तक नहीं किया गया।”
–आईएएनएस
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