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Kochi: Members of Indian National Trade Union Congress (INTUC) stage a demonstration during a nationwide strike called by central trade unions against central government's disinvestment policies and their demand for scrapping of NPR, CAA and NRC, in Kerala's Kochi on Jan 8, 2020. (Photo: IANS)

केरल, पंजाब के बाद अब राजस्थान सरकार सीएए के खिलाफ लाएगी प्रस्ताव

जयपुर (आईएएनएस)| राजस्थान विधानसभा के आगामी बजट सत्र के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। 24 जनवरी से शुरू हो रहे सत्र में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) सदन में चर्चा का केंद्रबिंदु होगा। कांग्रेस विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है, वहीं भाजपा भी प्रस्ताव के विरोध में अपनी रणनीति पर काम कर रही है। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, “सत्र शुक्रवार से शुरू होगा, क्योंकि लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों को अगले 10 वर्षो के लिए आरक्षण देने के विधेयक को 25 जनवरी को मंजूरी दी जानी है। हम इस सत्र में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रहे हैं।”

इसबीच, भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख सतीश पुनिया ने आईएएनएस से कहा, “भाजपा मजबूती के साथ प्रस्ताव का विरोध करने की योजना बना रही है। हमने अपनी रणनीति बनाने के लिए 23 जनवरी को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।”

पिछले हफ्ते राज्य कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान से आए 100 प्रवासियों को 50 प्रतिशत रियायती दर पर भूमि आवंटित की। इसके तुरंत बाद पुनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला किया और सीएए पर उनके रुख पर सवाल उठाए।

पुनिया ने कहा, “मुख्यमंत्री दोहरी रणनीति के जरिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। एक तरफ वह जयपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से 100 पाकिस्तानी प्रवासियों को जमीन देकर नागरिकता की उम्मीद जगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सीएए के खिलाफ यह कहते हुए मार्च निकाल रहे हैं कि भले ही संसद ने इसे पास कर दिया है, लेकिन यह नया कानून राज्य में लागू नहीं होगा।”

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