नई दिल्ली: दिल्ली एमसीडी की पहली बैठक में जो हंगामा और बवाल हुआ था, उसके बाद एमसीडी की अगली बैठक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बाद ही होगी। सूत्रों के अनुसार इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है। सूत्रों के अनुसार सदन की अगली बैठक होने में अभी वक्त लगेगा। क्योंकि अभी पीठासीन अधिकारी की ही नियुक्ति नहीं हो पाई है। पहले पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति होगी। शपथ ग्रहण की पूरी जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की होती है। इसलिए इस पूरी प्रक्रिया में अभी कुछ समय लगने वाला है।
गौरतलब है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति 6 जनवरी को पहली बैठक के लिए की गई थी। सदन की बैठक स्थगित होने के बाद शपथ के लिए फिर से नए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करनी पड़ेगी। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया का सबसे पहला हिस्सा यह है कि एमसीडी के सचिव पीठासीन अधिकारी के लिए नामों की सूची कमिश्नर ऑफिस भेजेंगे। और फिर कमिश्नर ऑफिस एमसीडी सचिव द्वारा भेजे गए नामों की सूची को शहरी विकास विभाग के पास भेजेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस फाइलों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भेजेंगे। केजरीवाल के पास से फिर पीठासीन अधिकारी के नामों वाली फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल के पास जाएगी। फिर पीठासीन अधिकारी के नाम पर फाइनल मोहर उपराज्यपाल लगाएंगे। एक बार जब पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो जाएगी उसके बाद ही दिल्ली में मेयर की चुनाव की तारीख तय होगी।
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बाद ही सदन की अगली बैठक होगी। इस बैठक में सभी पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी। जब एक बार सभी पार्षदों की शपथ हो जाएगी तो उसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। सामान्य रूप से ऐसा होता है पहली बैठक के बाद नए सदस्य अपना पद ग्रहण करते हैं। और पुराने सदस्य पद छोड़ देते हैं। अब नए निगम के पूरी तरह अस्तित्व में आने तक समिति की शक्तियां विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार के पास ही होंगी।
–आईएएनएस
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