नई दिल्ली ।आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को रोस्टर रजिस्टर में शामिल करने व कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाले जाने की मांग की है । उन्होंने लिखा है और बताया है कि कुछ कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट ना निकालकर उसके स्थान पर डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाल रहे है जिसे रोस्टर से बाहर कर दिया गया है जबकि इन कॉलेजों में पहले बने रोस्टर के आधार पर एससी /एसटी व ओबीसी की पोस्ट पर लंबे समय से ये एडहॉक असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन टीचर के रूप में कार्य कर रहे है ।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है हाल ही में कुछ कॉलेजों ने अपने विज्ञापनों में सहायक प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट ना निकालकर डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन के रूप में निकाल रहे है जिसको कॉलेज के रोस्टर रजिस्टर में शामिल नहीं कर रहे है जबकि कुछ कॉलेजों में रोस्टर के कारण ही एससी/एसटी और ओबीसी की पोस्ट बनने पर ही वे असिस्टेंट प्रोफेसर एडहॉक के रूप में वहाँ पढ़ा रहे है । उनका कहना है कि डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट करने से रोस्टर रजिस्टर से बाहर हो जाता है और उनकी सेवानिवृत्त होने की उम्र 62 है जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की उम्र 65 है । इतना ही नहीं यदि कॉलेज डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकालते है तो जो टीचर्स वहां पढ़ा रहे है वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे । डॉ. सुमन ने आगे बताया है कि डायरेक्टर की पोस्ट विश्वविद्यालय के विभागों में होती है जबकि कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन का पद होता है । उन्होंने बताया है कि प्रमोशन के दौरान इन शिक्षकों की पदोन्नति एसोसिएट प्रोफेसर पर हुई है जबकि कुछ शिक्षकों ने प्रोफेसर के लिए आवेदन किया हुआ है।
डॉ. सुमन ने बताया है कि पिछले दिनों वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह से डीटीए का एक प्रतिनिधि मंडल मिला था उनसे विभिन्न कॉलेजों में एडहॉक रूप में कार्य कर रहे फिजिकल एजुकेशन टीचर्स के मुद्दों पर चर्चा की थीं । उन्हें बताया गया था कि कुछ कॉलेज फिजिकल एजुकेशन डायरेक्टर की पोस्ट निकाल रहे है जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट होनी चाहिए और उसे रोस्टर रजिस्टर में शामिल करने के लिए भी कहा था । उन्होंने आश्वासन दिया था कि जिस पोस्ट की जो नेचर ( प्रकृति ) है वह उसी पद से भरा जाएगा । इसके बाद भी कॉलेजों द्वारा डायरेक्ट की पोस्ट का विज्ञापन निकाल रहे है । उनका कहना है कि जिन कॉलेजों ने अपने यहाँ डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाली है वे कोरिजेंडम ( शुद्धिपत्र ) देकर असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन करें । हालांकि विश्वविद्यालय इन पदों को भरने के लिए जल्द ही विज्ञापन निकालने की तैयारी कर रहा है और इनकी पोस्ट पर स्थायी नियुक्ति चाहते है ।
डॉ. सुमन ने बताया है कि उन्हें कुछ कॉलेजों के एडहॉक फिजिकल एजुकेशन टीचर्स ने बताया है कि उनके यहाँ पर भी असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकालने की बजाय डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट निकाल रहे है । फिजिकल एजुकेशन टीचर्स का कहना था कि हर कॉलेज में दो तो कुछ में तीन फिजिकल एजुकेशन टीचर्स के पद बनते है लेकिन लंबे समय से कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति ना होने से कॉलेजों में एडहॉक टीचर्स के रूप में कार्य कर रहे है । एक कॉलेज के प्रोफेसर ने उन्हें बताया कि डायरेक्टर की पोस्ट बनाने से कॉलेज को यह फायदा है कि उसे रोस्टर में शामिल नहीं करना पड़ेगा साथ ही उन्हें अन्य शिक्षकों की तरह सेवानिवृत्ति नहीं मिलेगी । डॉ. सुमन ने पुनः विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि फिजिकल एजुकेशन टीचर्स की पोस्ट को अपने रोस्टर रजिस्टर में शामिल करते हुए आरक्षित श्रेणी के पदों से भरने की मांग की है । उन्होंने यह भी मांग की है कि फिजिकल एजुकेशन की पोस्ट का रोस्टर रजिस्टर सार्वजनिक करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट व विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डालने की मांग की है ।
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