कोंकण रेलवे के 103 किलोमीटर लंबे वैभववाड़ी सेक्शन पर काम जल्दी ही शुरू होगा। यह फैसला नई दिल्ली मे आज रेल मंत्री और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में हुई कोंकण रेलवे की समीक्षा बैठक में लिया गया।
बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, कोंकण रेलवे के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
रेल मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कोल्हापुर वैभववाड़ी रेल सेक्शन न केवल कोंकण रेलवे के लिए बल्कि संबंधित क्षेत्र और पूरे महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा। इससे महाराष्ट्र का तटवर्ती क्षेत्र राज्य के पश्चिमी हिस्से से सीधे जुड़ जाएगा जिससे तटवर्ती क्षेत्र के बंदरगाहों का तेज विकास होगा तथा वहीं दूसरी ओर राज्य के भीतर से तटवर्ती क्षेत्रों तक सामानों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।
रेल मंत्री ने कहा कि इस रेल लाइन के बन जाने से महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में वैभववाड़ी के पास बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े तेल शोधन संयंत्र सह पेट्रोकेमिकल परिसर से पेट्रोलियम की आपूर्ति सुगम हो जाएगी। चालीस अरब डॉलर की लागत से तैयार हो रहा यह संयंत्र इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा है। इसके 2022 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। इसकी सालाना तेल शोधन क्षमता 60 मिलियन मेट्रिक टन होगी।
इस संयंत्र से पेट्रोकेमिकल की आपूर्ति वैभववाड़ी लाइन के जरिए तटवर्ती क्षेत्र तक आसानी से की जा सकेगी। रेल मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भविष्य र्में राज्य का आर्थिक विकास राज्य के तटवर्ती क्षेत्रो का राज्य तथा देश के मुख्य हिस्सों से जुड़ने पर निर्भर करेगा।
कोंकण रेलवे के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने रेल मंत्री को बताया कि कोंकण क्षेत्र में और गांवों तथा छोटे शहरों के लिए रेल सेवाएं बढाने के लिए ही इस मार्ग पर नए नए स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ऐसा पहला स्टेशन अगले साल जनवरी में बनकर तैयार हो जाएगा।
कोल्हापुर-वैभववाड़ी लाइन को रेल मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। इसके निमार्ण पर आने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा भारतीय रेल वहन करेगी जबकि बाकी महाराष्ट्र सरकार देगी।
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