अजमेर में रूके जाएरीन को अपने घर भेजने के लिए दरगाह कमेटी ने की पहल। केन्द्र सरकार से लेकर समस्त राज्यों की हुकूमत को लिखा पत्र।
अजमेर। कोरोना वायरस के कारण सम्पूर्ण देश में किए गए लाॅक डाउन और राजस्थान में लगी धारा 144 व इसके साथ ही अजमेर शहर के दरगाह क्षेत्र में कोरोना का संदिग्ध मिलने के बाद लगे कफ्र्यू की वजह से अब भी तीन हजार से ज्यादा जाएरीन यहां पर फंसे हुए है। इन लोगों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए दरगाह कमेटी चेयरमैन ने प्रधानमंत्री जी से लेकर केन्द्र सरकार के समस्त मंत्रीयों एवं सभी राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख शासन सचिव और जिला प्रशासन को इस बारे में आवगत कराया गया है।
इसके साथ अमीन पठान ने सुझाव प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के जाएरीन की पहुंचाने के लिए अजमेर – जयपुर – कोलकाता एवं पटना मार्ग की रेल चलाने का आग्रह किया है। वही महाराष्ट्र, आन्घ्रा प्रदेश, कर्नाटका राज्य के लिए अजमेर – भोपाल – नागपुर – विजयवाड़ा – चेन्नई मार्ग पर रेल चलाने की गुजारिश की है। इसके साथ जो दिल्ली, पंजाब व गुजरात राज्य के जाएरीन है उनके के लिए बस मार्ग के द्वारा उन्हें भेजने का अनुरोध किया गया है।
दरगाह कमेटी द्वारा यह सर्वे दरगाह क्षेत्र मेें लंगर बांट रहे खुद्दाम हजरात एवं स्वयंसेवको के द्वारा एक डेटा शीट में तैयार करवाया गया है। जिसमें नाम, मोबाईल नम्बर, स्थान, जिला एवं राज्य के साथ अजमेर में कहा ठहरे हुए हैं और उनके साथ कितने लोग है, इन सूचनाओं को एकत्रित किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक इसमें जहां बड़ी संख्या में जाएरीन शामिल है तों वही दूसरी तरफ ऐसे लोग भी इसमें शामिल है जो रोजगार के लिए अजमेर आते है लेकिन अब कोई कार्य नहीं होने के कारण वह अपने घरों की तरफ पलायन करना चाहते है। ऐसी सूरत में दरगाह कमेटी के साथ भामाशाहों को स्थानिय लोगों के साथ बाहर से ठहरे हुए लोगों को होटलों, लाॅज, गेस्ट हाउस व घरों में खाना भिजवाना एक चुनौती बना हुआ है। तमाम सूचनाओं के जमा करने बाद भी लगातार ठहरे हुए जाएरीन अपनी जानकारी दे रहे है ऐसे में यह आंकड़ा चार हजार तक जाने की आंशका है। गौरतलब है कि जाएरीन से जब सूचनाए एकत्रित कि गई तब उनके द्वारा सिर्फ एक ही गुजारिश की गई आप किसी तरह से हमारे घर जाने की व्यवस्था कर दिजीए हम एक बार घर चले जाए तो बेहतर रहेगा।
ब्यौरा राज्य अनुसार उत्तर प्रदेश: 569, बिहार: 271, प. बंगाल: 744, महाराष्ट्र: 255, आन्ध्रा प्रदेश: 601, कर्नाटका: 356, गुजरात:
75, झारखंड: 77, देहल: 21 अन्य 990़
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