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Newly appointed Gautam Buddha Nagar District Magistrate Suhas LY addresses a press conference on Thursday. (Photo: Sanjeev Kumar Singh Chauhan/IANS)

कोरोना का कोहराम : मदद को 2 दिन में बनेगा कॉल-सेंटर : नोएडा डीएम

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) | कोरोना किसी एक के रोके नहीं रुकेगा। यह समाज के लिए घातक है। ऐसे में चाहे डीएम हो या फिर पुलिस या आम आदमी। सबको ‘टीम’ बनकर इसके आगे अड़ना पड़ेगा। सरकारी मशीनरी समाज के साथ है। जिलाधिकारी ने दो दिन में ‘कोरोना कॉल सेंटर’ बनवाने का भरोसा दिया है।

नवनियुक्त जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. ने गुरुवार को कहा, “कोरोना के खात्मे के लिए हम-सबको एक साथ खड़े हो जाना चाहिए, बिना वक्त गंवाए हुए। इसके लिए जहां तक जिले का डीएम होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है, मैं उम्मीद करता हूं कि 24 घंटे के अंदर ही गौतमबुद्ध नगरवासियों को एक कोरोना कॉल-सेंटर दे दूंगा। इस कॉल-सेंटर में हर लम्हा, विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। परेशान लोगों को अलग-अलग किसी से कोई बात करने की जरूरत बाकी नहीं रह जाएगी।”

नए डीएम सुहास नोएडा के सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में आयोजित अपनी पहली प्रेस-कान्फ्रेंस में बोल रहे थे। उनके साथ नव-नियुक्त जिला मुख्य चिकित्सा अधकारी डॉ.ए.पी. चतुर्वेदी और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.सुनील दौहरे भी मौजूद थे।

पत्रकार कोई सवाल करते, उससे पहले ही डीएम ने तमाम संभावित सवालों के जबाब खुद-ब-खुद ही दे दिए। जिलाधिकारी ने कहा, “जिले में सरकारी योजनाओं के अंतर्गत पंजीकृत 11853 श्रमिकों की सहायता राशि उनके बैंक खातों में पहुंच चुकी है। प्राधिकरण से बाहर के नगर पालिक एवं नगर पंचायतों में मौजूद 1750 श्रमिकों को तथा मानरेगा के मजदूरों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।”

पत्रकारों से बातचीत में जिलाधिकारी सुहास ने आगे कहा, “कोरोना से लड़ाई लड़ने को प्रशासन, सरकार सब अड़कर सामने खड़े हैं। बस जरूरत है तो इसकी कि जनता भी इसमें सहयोग करे, क्योंकि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, अपितु समाज की है। दुनिया की लड़ाई है। कोरोना की हार में ही दुनिया की जीत है।”

डीएम ने कहा, “हम दिनरात कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे, बस पब्लिक से सहयोग यह चाहिए कि वे किसी भी कीमत पर लॉकडाउन न तोडें़, सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में मदद कर दें। बाकी सरकार और जनता आपस में मिलकर निपट लेगी। कोरोना को हराना बिना जनसहयोग के मुश्किल हो जाएगा।”

डीएम ने लॉकडाउन को हल्के में लेने वालों के लिए दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, “ऐसे लोगों से जिला प्रशासन और पुलिस सख्ती से निपटेगी। लॉकडाउन का मतलब पूरी तरह लॉकडाउन का पालन।”

सुहास एल.वाई. ने आगे कहा, “किसान अपना कार्य करें, मगर सोशल डिस्टेंसिग का पालन उन्हें भी करना अनिवार्य होगा।”

डीएम के मुताबिक, “कोरोना जांच के लिए टेस्टिंग किट काफी हैं। और किट का भी इंतजाम किया जा रहा है। जबकि हमारे पास इस वक्त उच्च क्वालिटी के 5000 मास्क भी उपलब्ध हैं।”

चीन का नाम लिए बिना जिलाधिकारी ने कहा, “अगर कोई देश रातोंरात हजार बिस्तर का अस्पताल बना सकता है तो हम कुछ क्यों नहीं कर सकते। गौतमबुद्ध नगरवासियों के लिए आने वाले 24 घंटे में उम्मीद है कि हम लोग एक अत्याधुनिक कोरोना कॉल-सेंटर दे दें। इस कॉल सेंटर में एक ही नंबर पर संबंधित जरूरतमंद को एक ही स्थान पर हर मदद देने के इंतजाम किए जा रहे हैं।”

जिलाधिकारी ने कहा, “मुसीबत की इस घड़ी में कोई पैनिक क्रिएट न करे। इस वक्त एक-दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने साफ किया कि जिले में लॉकडाउन के दौरान रोज की आम जरूरत की किसी भी चीज का न अभाव है, न आगे होने दिया जाएगा। 2 हजार कुंटल आटा इस वक्त भी मौजूद है। जबकि 5 हजार कुंटल आटा एक दो दिन में हमारे पास होगा। इसमें हम प्राइवेट आटा मिलरों की भी मदद ले रहे हैं।”

पत्रकार वार्ता में उन्होंने साफ किया, “लॉकडाउन हर तबके का ख्याल रखा जा रहा है। कोरोना पीड़ितों के लिए अगर कॉल सेंटर की स्थापना करवा रहा हूं तो, जिले में मौजूद करीब साढ़े चार हजार फैक्टरियों में काम करने वाले 6 लाख श्रमिकों का वेतन भी बिना कटौती वक्त पर दिलवा रहा हूं। यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।”

लॉकडाउन को मजाक समझने वालों के लिए डीएम ने बार-बार कहा, “दूसरों की जान खतरे में किसी भी कीमत पर नहीं पड़ने दूंगा।”

जिलाधिकारी के मुताबिक, “अब तक जिले में 48 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 6 को अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। बचे हुए 42 संक्रमितों में से किसी को भी अभी इंजेक्शन लगाने या फिर वेंटीलेटर की मदद की जरूरत नहीं पड़ी है। कोरोना के लिए यह बुरा और समाज के लिए यह शुभ संकेत है।”

डीएम ने बाहर से जिले में आने वालों पर कड़ी नजर और उनका हिसाब-किताब रखने की बात भी प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना को छिपाने वालों पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। चिकित्सा विभाग खुद भी दिनरात जुटा है। चार और 10 अन्य टीमों सहित कुल 14 टीमों को फिलहाल 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है, ताकि कोरोना संबंधी कोई भी जानकारी मिलने पर ये टीमें अपने वाहनों से तुरंत मौके पर पहुंच सकें।

–आईएएनएस

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