नई दिल्ली| बजट से पहले अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना के दौरान सरकार के द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख एवं प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई आपदा में भारत में कोई भूखा नहीं सोया। कोरोना सरकार ने करोड़ों देशवासियों के लिए निशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की। राष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति, इंफ्रास्ट्रक्च र, कृषि विकास, स्टार्ट अप और नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ भारत की प्राचीन संस्कृति का महत्व भी रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना के महासंकट में हमने कई बड़े-बड़े देशों में भूख की समस्या देखी है लेकिन हमारी संवेदनशील सरकार इस बात का पूरा प्रयास किया कि इस बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे। सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी गरीबों को सरकार मुफ्त राशन दे रही है। 2,60000 करोड रुपए के खर्च के साथ करोड़ों लाभार्थियों को मुफ्त अनाज प्रदान करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हमारी सरकार ने इस योजना को अब मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है।
राष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति का विस्तृत उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आकार देने के लिए सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्थानीय भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्नातक पाठ्यक्रमों की महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में भी आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू हो गई है।
आईटीआई और प्रधान मंत्री कौशल केंद्र के जरिए पूरे देश में सवा दो करोड़ से अधिक युवाओं का कौशल विकास किया जा रहा है। यूजीसी के नियम में कई बदलाव किए गए हैं। कोरोना से लड़ाई के लिए हेल्थ सेक्टर से जुड़े छह विशेष शिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इससे हेल्थ केयर सेंटर को मदद मिल रही है। जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए आदिवासी बहुल एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह स्कूल करीब 3.30 लाख जनजातीय युवाओं को शैक्षणिक तौर पर सशक्त बनाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में पद्म पुरस्कारों के चयन में भारत सरकार की भावना दिखाई पड़ती है।
एक योजना के तहत अभी तक 28 लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता दी जा चुकी है। श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने एक नया पोर्टल भी शुरू किया है जिससे अभी तक 23 करोड़ से अधिक श्रमिक जुड़ चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हम लगातार देख रहे हैं 44 करोड़ से अधिक देशवासियों के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को भी कैश पहुंचाया जा सका। राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इक्नॉमी और डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रसार और यूपीआई के बढ़ते चलन के लिए भी मैं सरकार की प्रशंसा करूंगा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार गरीब की गरिमा बढ़ाने को महत्वपूर्ण मानती है। प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक 2 करोड़ से अधिक घर गरीबों को मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत विगत 3 वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से 17,000000 घर स्वीकृत किए गए हैं। हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य शुरू किए गए जल जीवन मिशन में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाना शुरू कर दिया है।
महामारी की बाधाओं के बावजूद करीब 6 करोड़ ग्रामीणों को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा गया है।
इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे गांव की महिलाओं बेटियों और बहनों को हुआ है।
स्वामित्व योजना भी एक असाधारण प्रयास है इस योजना के तहत 28000 गांव में 40 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा चुके हैं। यह प्रॉपर्टी कार्ड न केवल विवादों को रोकने में सहायक हैं बल्कि गांव के लोगों को बैंकों से ऋण मिलना भी आसान हो रहा है।
–आईएएनएस
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