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कोरोना वायरस : 250 विदेशियों सहित तबलीगी जमात मुख्यालय में 1600 फंसे

नई दिल्ली| कोरोना का कोहराम दुनिया भर में मचा है। जो जहां है उसे एहतियातन वहीं रोक दिए जाने की कोशिशें युद्धस्तर पर जारी हैं। इसी के चलते दुनिया भर में मशहूर मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय में करीब 1600 लोग फंस गए हैं। इन 1600 लोगों में से करीब 250 विदेशी मूल के बताए जाते हैं।

जमात का मुख्यालय दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के निजामुद्दीन थाना क्षेत्र में स्थित घनी आबादी वाली निजामुद्दीन बस्ती के बीच मौजूद है।

दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, “जमात मुख्यालय में अंदर मौजूद लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दूर दूर रखा गया है। जमात मुख्यालय के बाहर टैंट-तंबुओं में भी आइसोलेशन वार्डस स्थापित कर दिए गए हैं, ताकि यहां हर आने वाले को पहले कुछ दिन आइसोलेशन वार्डस में रखा जाए।”

दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “कहने देखने को मरकज तबलीगी हेडक्वार्टर में 5000 से भी ज्यादा लोग एक साथ मौजूद रह सकते हैं। लॉकडाउन की घोषणा होने से चंद रोज पहले तलक यहां देशी-विदेशी मेहमानों की संख्या हजारों में थी भी।”

इस पुलिस अधिकारी के बयानों की पुष्टि रविवार दोपहर बाद आईएएनएस से फोन पर विशेष बातचीत करते हुए मरकज मुख्यालय प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद शुएब अली ने भी की। उन्होंने कहा, “हां, यह जानकारी बिलकुल दुरुस्त है। 18 मार्च को जब पहली मर्तबा हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब लॉकडाउन की घोषणा की तो हमारे हेडक्वार्टर में 5000 से ज्यादा लोगों की भीड़ मौजूद थी।”

मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय के प्रवक्ता ने आईएएनएस के एक सवाल के जबाब में कहा, “बजरिए पीएम लॉकडाउन की पहली घोषणा के बाद ही लोगों ने यहां से रुखसती लेना शुरू कर दिया था। यह सब एहतियातन सबके हित में था। लॉकडाउन डिक्लेयर होते ही जमात हेडक्वार्टर इंतजामियों ने सबसे पहले हिंदुस्तानियों को अपनी-अपनी जगह शहरों में तुरंत वापस जाने की दरखास की थी। उसके बाद जमात हेडक्वार्टर ने हिंदुस्तान में मौजूद तमाम संबंधित दूतावासों से निजी तौर पर संपर्क साधना शुरू कर दिया।”

मरकज प्रवक्ता ने आगे कहा, “तबलीगी हेडक्वार्टर इंतजामियों ने निजी तौर पर इसलिए दूतावासों से संपर्क साधा ताकि किसी गफलत-गलतफहमी के चलते लोगों में कोई अफवाह न फैल जाये। साथ ही उम्मीद थी कि विदेशियों की मदद के लिए अगर सीधे हमारा मरकज हेडक्वार्टर संबंधित तमाम देशों के दूतावासों से खुद अपने लोगों को हिंदुस्तान से हमवतन वापसी का इंतजाम कर देगा, तो वक्त कम लगेगा।”

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “लॉकडाउन की पहली खबर प्रसारित होते ही निजामुद्दीन थाने के एसएचओ व अन्य पुलिसकर्मी भी मरजक हेडक्वार्टर के कर्ता-धर्ताओं को सतर्क कर आये थे। साथ ही पुलिस ने उन्हें मशविरा भी दिया था कि, हालात नाजुक होने से पहले ही तबलीगी जमात मुख्यालय को भीड़ से खाली करा लिया जाये।”

इन तथ्यों की पुष्टि तबलीगी प्रवक्ता ने भी की। उनके मुताबिक, “जहां तक मुझे याद आ रहा है एसएचओ निजमाउद्दीन ने 21 मार्च को यह सब हिदायतें हम सबको यहां आकर दी थीं। जिन पर हम लोगों ने उसी वक्त अमल फरमाना शुरू कर दिया।”

प्रवक्ता ने कहा, “दिन रात की इन तमाम कोशिशों के बाद भी 22 मार्च, 2020 को करीब 2000 से ज्यादा लोग जमात हेडक्वार्टर में बाकी बचे थे।”

जानकारी के मुताबिक दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मौजूद मरकज तबलीगी जमात हेडक्वार्टर 9 मंजिला है। इसमें एक वक्त में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी संभव हो सकती है। पता चला है कि इस वक्त भी करीब 1600 लोग इस इमारत के भीतर मौजूद हैं। इन सभी को फिलहाल जो भी सबसे बेहतर इंतजाम मुनासिब था, उसी हिसाब से आइसोलेट करके रखा गया है।

इन 1600 लोगों में से अधिकांश हिंदुस्तानी हैं। बाकी दो या ढाई सौ लोग विदेशी मेहमान हैं। इनमें से मरकज मुख्यालय के अनुरोध पर 20-25 अपने लोगों को सऊदी दूतावास ने इंतजाम करके सुरक्षित जगहों पर ले जाकर खुद ही आइसोलेशन वार्ड में रखने का इंतजाम कर लिया है। बाकी यहां बचे विदेशियों में सर्वाधिक संख्या थाईलैंड, इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, मलेशिया के मूल निवासियों की बताई जाती है।

सूत्रों के मुताबिक, “इस वक्त यहां मौजूद विदेशियों में सबसे ज्यादा 200 के करीब लोग सिर्फ इंडोनेशिया के ही हो सकते हैं। इसी तरह करीब 30 लोग थाईलैंड के और 10-15 के बीच किर्गिस्तान के हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों के लोगों के भी यहां लॉकडाउन के दौरान फंस जाने के चलते मौजूद होने की उम्मीद से इंकार नहीं किया जा सकता है।”

उल्लेखनीय है कि यहां से बीते दो दिनों में (शनिवार और रविवार) को करीब 200 लोगों को राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में एहतियातन दाखिल करा दिया गया है। इनमें से ज्यादातर लोग 60 साल से ज्यादा की उम्र के हैं। इन 200 में से जिन कुछ लोगो को दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायाण (एलएनजेपी) अस्पताल में दाखिल कराया गया, उनमें से पता चला है कि छह की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।

हालांकि मरकज प्रवक्ता ने कहा, “संबंधित अस्पताल ने हमें अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है।”

–आईएएनएस

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