सुमित सक्सेना
नई दिल्ली | येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की संक्रामक रोग विशेषज्ञ व मेडिसिन एवं महामारी विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर मनीषा जुठानी ने कहा है कि लोग कोविड-19 संक्रमण से लड़ने और ठीक होने में सक्षम साबित हुए हैं। इससे यह संकेत मिला है कि वैक्सीन बनाया जान संभव है जो इस बीमारी से निपट सकती है।
जुठानी ने इस मुद्दे का हवाला दिया कि एचआईवी के लिए अभी तक कोई टीका नहीं बनाया गया है और यह वायरल संक्रमण लगभग कई वर्षों से बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मानव अपने स्वयं की प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ एचआईवी का उन्मूलन करने में सक्षम नहीं है। वायरस जीवित है, यहां तक कि सबसे अच्छी दवाओं के साथ। लेकिन, कोविड-19 संक्रमण से लड़ने और इससे ठीक होने में हम सक्षम प्रतीत हो रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड-19 से लोगों का ठीक होना बहुत मायने रखता है, जुठानी ने कहा कि हां, यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। इससे पता चलता है कि हम एक वैक्सीन बनाने में सक्षम हो सकते हैं जो कोविड के इलाज में ऐसी ही सकारात्मक प्रतिक्रिया दे सके। हालांकि, उन्होंने कहा कि अन्य टीके श्वसन संबंधी संक्रमण में पूरी तरह से प्रभावी नहीं होते हैं और इनसे मिली इम्युनिटी कुछ वर्षों तक ही रहती है।
जल्द ही वैक्सीन की उपलब्धता की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि हम एक वैक्सीन बना सकेंगे। कई कंपनियां इस पर काम कर रही हैं, इसलिए उम्मीद है कि कई अलग-अलग प्रकार के टीके होंगे। हालांकि, मुझे लगता है कि हमें अपनी प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए हर साल या हर कुछ वर्ष में यह टीका लगाते रहने की आवश्यकता होगी।”
टीकों के उपलब्ध होने की संभावना पर उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट हैं कि कुछ टीके 2020 के अंत तक उपलब्ध हो सकते हैं।
–आईएएनएस
और भी हैं
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादी हमले में दो सैनिक शहीद, दो पोर्टरों की मौत
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आज पहुंचेंगे दिल्ली, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात