चंडीगढ़| नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जाट समुदाय के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे और 20 मार्च को दिल्ली का घेराव करेंगे। जाट नेताओं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रस्तावित बैठक नहीं हो सकी।
जाट समुदाय ने आरोप लगाया है कि खट्टर और उनकी सरकार अपने वादों से पीछे हट गई है।
जाट नेता यशपाल मलिक ने रोहतक में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सरकार जाटों में भ्रम फैलाकर उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने कहा कि खट्टर, जाट नेताओं से मिले बिना शुक्रवार को दिल्ली से चंडीगढ़ लौट गए। मुख्यमंत्री के इस तरह से जाने से आंदोलन को जारी रखने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।
इस बैठक का ऐलान खट्टर सरकार के सर्वाधिक वरिष्ठ मंत्री राम विलास शर्मा ने पानीपत में गुरुवार को किया था।
29 जनवरी को शुरू हुआ जाट आंदोलन शुक्रवार को 48वें दिन में प्रवेश कर गया।
हरियाणा सरकार ने गुरुवार को पानीपत में जाट नेताओं से बात की थी और इसे सकारात्मक बताया था। शर्मा ने इस बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया था और कहा था कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में नतीजे के निकलने के पूरे आसार हैं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने पहले ही ऐलान किया हुआ है कि वह अपने आंदोलन को 20 मार्च को दिल्ली तक ले जाएगी।
जाट नेताओं ने कहा है कि इस दिन दिल्ली में प्रवेश की सात जगहों पर डेरा डाला जाएगा और संसद परिसर में प्रदर्शन होगा।
उधर, खट्टर ने चंडीगढ़ में कहा कि जाट नेता ही शुक्रवार की बैठक से अलग हो गए।
उन्होंने कहा, “अगर जाट नेता मुझसे बात करना चाहते हैं, तो मैं हमेशा इसके लिए तैयार हूं। हालांकि कल (शनिवार) के मेरे कार्यक्रम तय हैं, फिर भी मैं यशपाल मलिक और जाट नेताओं से कल (शनिवार) दिल्ली में या चंडीगढ़ में या सोनीपत में मिलने के लिए तैयार हूं।”
–आईएएनएस
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