ओम कुमार, नई दिल्ली। गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में स्थानीय डीएम ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है जांच रिपोर्ट में बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आर.के मिश्रा को मुख्य आरोपी ठहराया गया है और रिपोर्ट में खास बात ये रही कि बालरोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर कफील खान को लगभग क्लीनचिट दी गई है।
जबकि सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर कफील खान को निलंबित कर दिया था रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्तीय गड़बड़ी के चलते अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हुई।
डीएम की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई प्रभारी डॉक्टर सतीश ने ड्यूटी निभाने में लापरवाही बरती है इन की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस बात की जानकारी रखें कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित न हो पाए।
साथ ही ये भी जिम्मेदारी बनती है कि वे ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की बकाया भुगतान के लिए संबंधित विभाग को संपर्क करते, लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया।
इन पर आरोप लगाया गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के बार-बार बिल भेजने के बाद भी इन्होंने उसके भुगतान के लिए कोई कार्य नही किया और जांच रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली पुष्पा सेल्स को भी दोषी माना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है की पुष्पा सेल्स बकाये भुगतान के लिए दूसरे तरीके अपना सकती थी, लेकिन वह जीवन रक्षक गैस की सप्लाई बंद नही करती और गैस की सप्लाई बंद करना मानवता के खिलाफ हैं डीएम की जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।
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