बेंगलुरू: वरिष्ठ पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार को तीन व्यक्तियों के स्केच जारी किए, जिन पर हत्या में शामिल रहने का संदेह है। पुलिस महानिरीक्षक और एसआईटी प्रमुख बी.के. सिंह ने पत्रकारों को बताया, “प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर तीन संदिग्धों के स्केच बनाए गए हैं, जिनमें से दो की शक्ल मिलती-जुलती है।”
चर्चित कन्नड़ सप्ताहिक ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक गौरी लंकेश की पांच सितंबर को बेंगलुरू स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दर्दनाक घटना से समूचा देश स्तब्ध रह गया। आक्रोश में कर्नाटक और राष्ट्रीय राजधानी सहित कई राज्यों में प्रदर्शन किए गए। खासकर पत्रकार बिरादरी ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले की भर्त्सना की और देश में पत्रकारों पर बढ़ते खतरे को लेकर चिंता प्रकट की। प्रदर्शनों का सिलसिला अभी थमा नहीं है।
एसआईटी प्रमुख ने कहा, “हमें दो वीडियो क्लिप मिली हैं, जिसमें गौरी के घर के बाहर एक मोटरसाइकिल सवार दिख रहा है। गौरी की हत्या में उसके शामिल होने का अंदेशा है।”
हत्या की पिछले एक माह से हो रही जांच के बारे में जानकारी देते हुए सिंह ने बताया कि सभी संदिग्ध 25 से 35 वर्ष की उम्र के हैं और हत्या करने से पहले ये सभी करीब एक सप्ताह यहां रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह संदेह है कि ये लोग गौरी लंकेश के घर के आस-पास रह रहे थे और इन लोगों ने हत्या करने से पहले गौरी के घर की टोह (रेकी) ली थी।
सिंह ने कहा कि एसआईटी ने जांच के सिलसिले में अब तक 200-250 लोगों से पूछताछ की है।
उन्होंने कहा, “हम लोगों से इन हमलावरों को तलाशने में उनके ठिकानों की जानकारी देने में मदद करने का आग्रह करते हैं।”
एसआईटी ने संदिग्धों के स्केच के साथ गौरी लंकेश के घर के पास सीसीटीवी कैमरे में कैद दो वीडियो क्लिप भी जारी की। वीडियो में एक मोटरसाइकिल सवार को देखा जा सकता है।
सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति हत्यारों से संबंधित पुख्ता सूचना देगा, उन्हें राज्य सरकार ने बतौर इनाम 10 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।
इनाम तय किए जाने की घोषणा कर्नाटक के गृहमंत्री रामालिंगा रेड्डी ने सितंबर में ही की थी।
सिह ने कहा, “यह लोगों की मदद से ही संभव हुआ है कि हमलोग इस जांच में यहां तक पहुंचे और हत्यारों के स्केच जारी कर सके।”
उन्होंने कहा कि 150 सदस्यीय एसआईटी बिना किसी भेदभाव के मामले की जांच कर रही है और स्केच के आधार पर संदिग्धों की तलाश कर रही है।
सिंह ने कहा, “हम केवल सबूत के आधार पर काम करते हैं और अभी तक की जांच में इन संदिग्धों के पीछे किसी खास संस्थान या संगठन का हाथ होने की जानकारी नहीं मिली है।”
सिंह ने कहा, “हमने गौरी लंकेश के घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपना जांच शुरू किया और हमने कम से कम 75 टेराबाइट(टीबी) वीडियो फुटेज को खंगाला।
गौरी लंकेश की हत्या के एक दिन बाद राज्य सरकार ने हत्या की जांच के लिए अपराध जांच शाखा (सीआईडी) के अधीन एसआईटी का गठन किया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने गौरी लंकेश की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भाजपा की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है।
55 वर्षीय गौरी लंकेश धर्मनिरपेक्ष देश में हिंदूवाद को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ लिखती रही हैं। वह अन्य अखबारों के लिए भी कॉलम लिखती थीं और समाचार चैनलों के डिबेट में शामिल होती थीं। उन्होंने राणा अय्यूब की किताब ‘गुजरात फाइल्स’ का कन्नड़ में अनुवाद भी किया है। उन्हें श्रीराम सेने सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों से धमकियां मिलती रही हैं। एक भाजपा नेता ने उन पर मानहानि का मुकदमा भी किया था।
हाल ही में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कन्नड़ अभिनेता प्रकाश राज ने गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर नाराजगी जताई है और इस बात को लेकर आपत्ति जताई है कि प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर गौरी लंकेश का मजाक उड़ाने वालों को फॉलो कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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