लखनऊ: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर ‘लोकतंत्र की हत्या’ का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने का एकतरफा और पक्षपातपूर्ण निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी इस ‘अन्यायपूर्ण निर्णय’ के खिलाफ अदालत जाएगी। राज्यसभा के लिए पार्टी की ओर से चुने गए सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चुनाव आयोग का निर्णय पक्षपातपूर्ण है क्योंकि आप के 20 विधायकों को दिए गए नियुक्ति पत्र में यह खास तौर पर वर्णित था कि संसदीय सचिव का पद लाभ का पद नहीं है।”
सिंह ने कहा, “2006 में, शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने अपने 19 विधायकों को लाभ का पद दिया था। हरियाणा में चार संसदीय सचिव हैं, पंजाब में भी ऐसा पद है, हिमाचल प्रदेश में इस तरह के 11 पद हैं और झारखंड व छत्तीसगढ़ में भी ऐसी स्थिति है। उन्होंने विशेष तौर पर इस मामले में दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था, लेकिन किसी भी विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की थी।”
उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग भाजपा के चुनाव एजेंट के रूप में कार्य कर रहा है।”
सिह के अनुसार, इस मामले में अगर किसी का भी इस्तीफा लिया जाता है तो, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का होना चाहिए, जिन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए संसदीय सचिव को नियुक्त किया गया था। उन्हें उप मुख्यमंत्री का दर्जा दिया गया और सभी तरह की सुविधाएं दी गई।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगने पर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी अदालत में इस मामले के विरोध में अपना पक्ष रखते हुए अन्य राज्यों का उदाहरण देगी।
–आईएएनएस
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