रायपुर। केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे नेशनल मेडिकल बिल के विरोध में पूरे देश के 10 लाख रेजीडेंट डॉक्टर्स सोमवार को हड़ताल पर रहे। छत्तीसगढ़ में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने पैदल मार्च निकाला। इनमें चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा ले रहे छात्र, जूनियर डॉक्टर्स, निजी अस्पतालों के चिकित्सकों समेत तमाम दूसरे मेडिकल स्टॉफ भी मौजूद रहे।
इस दौरान आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। ये एसोशिएशन के स्थानीय अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सोमवार को लोकसभा में मेडिकल बिल पारित किया जा रहा है। डॉक्टरों की मांग थी कि मेडिकल बिल में संशोधन किया जाए, लेकिन अभी तक शासन द्वारा बिल में संशोधन नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार जो मेडिकल बिल पास करने जा रही है, उसमें वैद्य, यूनानी, झोलाछाप डॉक्टरों को लाइसेंस मिल जाएगा।
कड़वी सच्चाई ये है कि राज्य के तमाम अस्पतालों में डॉक्टर खोजे नहीं मिल रहे हैं। बस्तरांचल के लिए सरकार ने अतिरिक्त वेतन-भत्ते का भी ऑफर दे रखा है। इसके बावजूद डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
गांवों से आए गरीब मरीजों से शहर के नार्सिग होम्स आबाद हो रहे हैं। यहां आने वाले ग्रामीण इनके लिए किसी दुधारू गाय से कम नहीं हैं। लोग मनमानी ढंग से उनको ठगने में लगे हैं। यहां सरकार की सुविधाओं सहित तमाम दूसरी चीजों का भी दुरुपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। गरीबों से उनके स्वास्थ्य की मनमानी कीमत वसूली जा रही है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या इन गरीबों को ऐसे ही मरने दिया जाए?
–आईएएनएस
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