नई दिल्ली | इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर और फार्मेसी से जुड़े कॉलेज एवं संस्थान, लॉकडाउन के दौरान छात्रों को फीस जमा कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही यहां कार्यरत शिक्षकों को नियमित वेतन भी दिया जाएगा। छात्रों और शिक्षकों को यह राहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक फैसले से मिली है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर एआईसीटीई ने इन कॉलेजों को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में लॉकडाउन के दौरान छात्रों को फीस जमा करने के लिए बाध्य न करने को कहा गया है। पत्र में शिक्षकों के वेतन का भुगतान और उन्हें नौकरी से न निकालने के निर्देश भी हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, लॉकडाउन के दौरान छात्रों एवं शिक्षकों के हितों का ध्यान रखते हुए यह कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
एआईसीटीई के सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार ने इस पत्र में दिशानिर्देश जारी किए हैं। एआईसीटीई के मुताबिक स्थिति सामान्य होने पर एआईसीटीई इस बारे में फिर दिशानिर्देश जारी करेगी।
सभी कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड यह जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
छात्र शिक्षक या फिर शिक्षण संस्थान सोशल मीडिया पर मौजूद किसी फेक न्यूज के कारण परेशानी में न आएं, इसके लिए छात्रों को एआईसीटीई, यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारियों पर ही विश्वास करने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम भी इस दौरान पहले की तरह चालू रहेगी। लॉकडाउन के चलते जो छात्र इंटर्नशिप नहीं कर पाए हैं, वे घर पर बैठकर ऑनलाइन इसे पूरा कर सकते हैं। वहीं ऑनलाइन परीक्षा और सेमेस्टर परीक्षा पर यूजीसी की कमेटी रिपोर्ट तैयार कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर एआईसीटीई 2020 के लिए नया अकेडमिक कलेंडर और वार्षिक परीक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी करेगी।
— आईएएनएस
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