पटना| जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी. सिंह के बीच तकरार पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान भी जारी रहा।
रविवार शाम पटना में पार्टी के कर्पूरी सभागार में बैठक हुई।
जदयू के महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा, “जाति आधारित जनगणना जदयू के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है और नीतीश कुमार को देश में प्रचार शुरू करना चाहिए। अगर भाजपा जाति आधारित जनगणना करने के लिए तैयार नहीं है, तो जदयू कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरने को तैयार रहना चाहिए। पार्टी को आंदोलन की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।”
सूत्रों ने बताया कि जब त्यागी ने बैठक में यह सुझाव दिया तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप उनका भाषण सुन रहे थे।
जब केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी सिंह आए तो उन्होंने त्यागी के सुझाव को सिरे से नकार दिया।
उन्होंने कहा, “केंद्र में एनडीए की सरकार है और जदयू) गठबंधन सहयोगी है। हमें हमारी अपनी सरकार के खिलाफ नहीं जाना चाहिए।”
जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की बात आई, तो आरसीपी सिंह सहित सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से कहा कि जदयू को चुनाव लड़ना चाहिए।
ललन सिंह ने एक कदम आगे बढ़ते हुए बैठक में कहा, “जदयू केंद्र में गठबंधन सहयोगी है और आरसीपी बाबू (आरसीपी सिंह) नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। वह अक्सर भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत करते रहते हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा से कुछ सीटें लेने के लिए उनके साथ बातचीत करनी चाहिए।”
ललन सिंह और जदयू का पूरा नेतृत्व जानता है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का कोई आधार नहीं है। फिर भी वह आर.सी.पी. सिंह से भाजपा का पक्ष लेने से बचने का संदेश देना चाहते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा, उत्तर प्रदेश में जदयू को एक भी सीट नहीं देगी।
जदयू का शीर्ष नेतृत्व मोदी सरकार की लगभग हर नीति पर अपना विरोध दर्ज करा रहा है, जिसमें देश में जाति आधारित जनगणना नहीं करने का फैसला भी शामिल है।
नीतीश कुमार और जदयू के अन्य नेताओं ने मोदी सरकार में दो कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्री बर्थ की मांग की थी, लेकिन आर.सी.पी. सिंह, जिन्हें भाजपा के साथ बातचीत करने का प्रभार दिया गया था, ने इसके साथ समझौता किया और केवल अपने लिए एक जगह का प्रबंधन किया था।
–आईएएनएस
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